चलते चलाते: बाजीगर
बाजीगर औ जादूगर का,
खेल दिखाना रोज़गार है
मन को ये रंजित करते हैं
आँखों को धोखा देते हैं।
राजनीति में जादूगर हैं,
जोकर हैं,बाजीगर भी हैं
मार गुलाटी, करे तमाशा
जनता को देते हैं धोखा।
कर्नाटक में बाजीगर है,
जोकर शाशित है पंजाब,
दिल्ली के कुछ बंदर अंदर,
बेल पर बाहर है सरदार।
कठपुतले से नेताओं के,
तार हाथ में आतंकी के
छुपे देश में देश के दुश्मन,
सगे बने हैं गद्दारों के।
आए दिन है रेल हादसा,
पत्थर और सिलेंडर रखा
'बन्दे भारत'के ये दुश्मन,
फूंकें जाने कितनों के घर,
जात-पात में हिंदू बाँटे,
बना बहाने गर्दन काटे,
मजहबियों के सगे लुटेरे,
देश को दंगों में ये झोंके।
झूठ बोलते, धोखा देते,
टैक्स लगाते नए-नए ये
लूट रहे जनता को हैं ये,
भरे तिज़ोरी खानदान के।
जहां-जहां कांग्रेस गठजोड़
आतंकियों का बढा है जोर,
बीच रोड पर ईद की पार्टी,
गणपति उत्सव पत्थरबाजी।
सिक्खों को मरवाने वाले,
सिक्खों को उकसाने वाले,
देश की जनता से गद्दारी,
उगले जहर विदेशों में ये।
पागल है या बालक बुद्धि,
खतरनाक ये खानदान है,
रहे सदा हिन्दू के दुश्मन,
बने हुए हैं देश के दुश्मन।
डॉ सुमंगला झा।