चलते-चलाते : "कहाँ से लाते हो"
"कहाँ से लाते हो"
कहाँ से लाते हो दोगलापन,
बता सबों को खेजू भाई,
विज्ञापन में बजट खर्च कर,
करते धोखा! झूठ-ढिठाई?
दिल्ली अन्दर कोरोना में,
ऑक्सिजन का घपला होए,
राशन,दवा ब्लैक में जाये,
जिम्मेदार कौन है भाई ?
बिजली बिल धांधली मचाये,
रोहिंज्ञा-बस्ती, बन जाये,
'आप' के नेता पकड़े जाए,
फिर भी रोज हाँकता जाए।
नलके का पानी हो गंदा,
हरियाणा,दोषी बतलाये,
जनता ज्यों मुश्किलमें आएँ
चादर तान, खेजू सो जाएँ ।
हज हाउस खेजू बनवाये,
कर का पैसा वहाँ गँवाये,
राममन्दिर,चंदे का पैसा,
चोर जमातें, प्रश्न उठाये।
धरनेवालों को सुविधायें,
मुफ्त-मुफ्त,गप्पें ही बाँटे,
दिल्ली तरे ! पंजाब में आये,
खेजू ! झूठ, मुफ्त में बाँटे।
नौटंकी वालों की पार्टी,
चिल्ल-पों,है रोज मचाये,
करे गवारों सा ये हल्ला,
काम न संसद का हो पाए।
सारे चोर इकट्ठे जम कर,
आये दिन धरने पर जाए,
आतंकी, भिंडरा के चमचे,
नटनी इनको नाच नचाये।।
II डॉ सुमंगला झा।।