Treachery of AAP

चलते - चलाते : देश से करते गद्दारी

चेले बैठे सिंहासन पर
गुरु हो गए गद्दी हीन
शूर्पणखा न थकी नाचते,
''आपी" हुए नकेल विहीन।

हत्यारा भी लदा- फ़दा है,
फूलों की माला से आज,
मुस्लिम वोटों से इतराता,
बेल पे बाहर जेल से आज।

दंगों में थी भागीदारी,
बहुतों का था हत्यारा,
देकर उसे जमानत कैसे
न्याय व्यवस्था क्या हारा?

बांगलादेशी, रोहिंग्या हैं,
मतदाता, हत्यारे का,
जनता की रक्षा हो कैसे?
जब फेके पत्थर हथगोले I

हिंदू समूह का हत्यारा भी,
दंगल चुनाव का लड़ता है,
साजिश, दंगा करने वाला,
सांसद बन आ जाता है।

धज्ज उड़ाये कानूनों की,
गुंडों के सहयोगी भी,
शर्मनाक ऐसे वकील हैं,
गद्दार देश के हैं ये भी।

डॉ सुमंगला झा।

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