Kejriwal govt

भागते भूत की लंगोटी - हमारे AAP-के कलाकार

केजरीवाल जी की सार्वजनिक जिंदगी किसी जादुई चमत्कार से कम नहीं। कहाँ तो एक ओर ये अन्ना हजारे के ‘भ्रष्टाचार के प्रति लड़ाई’ में अग्रिम पंक्ति में सम्मिलित थे और कहाँ आज ये अपने दल और नेताओं के भ्रष्टाचार के समर्थन में दिन रात संघर्षरत हैं। एक वो दौर था जब देश इस ‘IIT ग्रेजुएट और IRS का त्याग करने वाले’ व्यक्ति की सच्चाई का पूरा कायल था और कहाँ आज वही IITग्रेजुएट ‘IRSका त्याग करने वाला व्यक्ति’ भ्रष्टाचार के नए-नए आयाम तय कर रहा है।‘IIT वाला दिमाग’ इसे दिल्ली सरकार के भ्रष्टाचार का किंगपिन या यूँ कहिए गॉडफादर बना दिया है।

आज ऐसा माना जानें लगा है कि दिल्ली सरकार के लगभग सभी विभागों में मंत्रियों द्वारा संचालित ‘आधिकारिक भ्रष्टाचार’ चल रहा है लेकिन उनमें से किसी भी फाइल पर दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल जी के हस्ताक्षर नहीं हैं। दिल्ली का ‘शराब घोटाला’ हो, स्कूलों में अतिरिक्त ‘क्लासरूम घोटाला’; अवैध घुसपैठिए ‘रोहिंग्याओं कोबसाने’ का मामला हो या दिल्ली में सारे ‘विकास कार्य के ठप्प’ होने का।सारे निर्देश मुख्यमंत्री केजरीवाल जी के हैं परन्तु उन हर फाइल्स में दस्तखत उनके मंत्रियों के।

आज अरविन्द केजरीवाल बहुतेरे टीवी चॅनेल्स के विज्ञापनों में सर्वाधिक दीखनें वाले ऐसे नेता हैं जिनका रंग क्षण-क्षण बदलता रहता है। किम्वदन्ति है कि अन्ना के धरना के पूर्व इन्होंनें अपने ‘ईष्ट गुरु’ की घोर तपस्या कर एक ‘वर’ माँगा था और इनके गुरु ने प्रसन्न होकर आशीर्वाद दिया था 'एवमस्तु' !

वह वर था रंग बदलनें की कला की और इनके ईष्ट गुरु थे गिरगिट।आज वही गिरगिट रंग बदलनें चतुराई और कला में इनको अपना गुरु मानने लगे हैं।

सचमुच ये बहुत ही बड़े कलाकार हैं। ये आज भी अपने आप को गांधी भक्त मानते हैं। गांधीजी कहते थे ‘सदा सच बोलो’ और हमारे केजरीवाल और इनके दल के नेता ‘हर झूठ इतनीं सहजता से बोल लेते हैं कि गांधी जी की आत्मा को भी शर्म आती होगी, लेकिन इन्हें नहीं’। झूठी बातें, झूठी कसमें, झूठे वादे… चाहे वह स्वयं के लिए हो या अपनी दिल्ली सरकार के लिए, इस बहुरूपिए के सफलता की कुंजी है। चुनावी वादे तो ये ऐसे कर जाते हैं जैसे सारे संसार का खजाना इन्ही का हो।क्या फर्क पड़ता है उन वादों को अगर पूरा न भी किया जाए।ये मुफ्त में बिजली, मुफ्त में पानी, मुफ्त के जनसंचार, मुफ्त में हर औरतों के खाते में २००० रूपये प्रति माह और कितने ही ऐसे वादे कर जाते हैं I अगर जनता इनके धोखे में आकर इन्हें वोट दे दे तो फिर बड़े आसानी से कह जाते हैं "मैनें ऐसा तो नहीं कहा था कि सारे वादे पूरा करूंगा”।अन्ना हजारे का यह चेला बड़ा शातिर हो चला है।

ये फ्री की रेवड़ी ऐसे बाँटते हैं जैसे एक के जेब पैसे क़तर कर दूसरे को टोपी पहनाना हो।और फिर यह भी कहते हैं कि देश में यह कला सिर्फ उनके ही पास है जिसका नाम है…‘घोटाला’।आजकत हमारे कलाकार घोटालों के बादशाह है चाहे वह शराब घोटाला, स्कूल का क्लासरूम घोटाला, पानी घोटाला, हवा घोटाला, बिजली घोटाला… और इस तरह की बड़ी लिस्ट है इनके सामने।

इनके अनेकों रूप और अनेकों आकार हैं। हमारे कुछ धर्म-ग्रंथों में इस बात का जिक्र है कि निशाचरों में रंग-रूप, आकार-प्रकार बदलनें की कला होती थी लेकिन निशा या रात्रि में I लेकिन हमारे के कलाकार को जब जरूरत हो अपना रूप बदल लेते हैं। इनकी चमड़ी इतनी मोटी हो गयी है कि कोई कुछ भी कहे, इन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता।जय हो हमारे AAP-के कलाकार केजरीवाल की।

Read More Articles ›


View Other Issues ›