Chief Editor: Dr SUmangala Jha

सम्पादकीय : यह विकास ही विश्वास है

देश के कोने कोने में लगभग सभी क्षेत्रों जहाँ विकास के काम किये जा रहे हैं, वहीँ पत्थर बाजों की जिहादी टोलियाँ अत्यंत सक्रियता से ध्वंसात्मक गति विधियों में लिप्त हो देश की सम्पत्तियों को बर्बाद करने में लगे हुए हैं। शांतिपूर्ण वातवरण में भी अशांति फ़ैलाने के उपक्रम में तल्लीन हो जाते हैं। अनेकानेक घटनाओं को देखते हुए यह सिद्ध हो चुका है कि ये मोदी जी के दूसरी बार प्रधान मंत्री बनते ही देश की प्रगति एवं विकास से जलने वाले लोगों द्वारा उत्प्रेरित किया जाता रहा है। देश के प्रत्येक नागरिक को विकास के कार्यों तथा आधुनिक यातायात के साधनों पर गर्व होना चाहिए चाहे वह "बन्दे भारत एक्सप्रेस" हो या सागरमाला के यातायात या नदियों के द्वारा की जाने वाली यात्राएँ। मोदीजी के आने के बाद सतत विकास ने सम्पूर्ण भारत को सुविधा जनक यातायात साधनों, जल,थल,वायु मार्गों द्वारा आवाजाही को सुगम बना दिया है। परन्तु इसी भारत में ऐसे देशद्रोही,घुसपैठिये एवं भ्रष्टाचारी लोग भी मौजूद हैं जिन्हें भारत की प्रगति किसी भी तरह स्वीकार्य नहीं है।

झूठ बोलने झूठ फ़ैलाने में प्रवीण नेताओं की टोलियाँ मोदी विरोधी होने के साथ-साथ देश विरोधी होने का भी गौरव प्राप्त कर चुकी है। तोड़फोड़, आगजनी, पत्थरबाजों को पनाह देना,धरने प्रदर्शन, विदेशों में भारत एवं मोदीजी को बदनाम करने की जी तोड़ कोशिस तो ये "फट्टू धूर्त समूह" मोदीजी के प्रधानमंत्री बनते ही करने लगे थे परन्तु आजकल देश को तोड़ने की, केरोसिन छिड़क कर आग लगाने की, सीमाप्रांत हिस्सों पर चीन एवं पाकिस्तान के अधिकार की बातें करने के सन्दर्भ में अच्छा नाम कमा रहे हैं। मणिपुर की नस्लीय हिंसा को लेकर मोदीजी के प्रति अविश्वास का प्रस्ताव पारित करने की जिद जिन विपक्षी नेताओं ने की, वे सभी मोदीजी तथा अमितशाह द्वारा दिए गए "उत्तर संदर्भ" सुनने की भी हिम्मत नहीं जुटा पाये। संसद में नेताओं के बीच का वाद-विवाद कुछ ऐसा रोचक था जैसे विपक्षी पार्टी कह रहे हों "आ जा मोदी वस्त्र हरण तो अमित शाह ने कर ही दिया अब तू मेरी लंगोटी भी उतार कर समूचे भारतवर्ष को बता दे कि ये कांग्रेस,गाँधी परिवार और खेजरीवाल कितना बेशर्म है" कितने सारे पाप पूर्ण कृत्य कोंग्रेसियों ने, आप के नेताओं ने एवं इस छद्म गाँधी-नेहरू-माइनो परिवार ने किये हैं। बासी बातें जो कुछ दबे-छुपे फाइलों में थे उसके भी धूल झाड़, पन्ने पलट और सभी को दिखा दे"। मैथिली भाषा में ग्रामीण कहावत है "कुकुर बधिया करे गेलें, अपने कटा क आयब गेलें " कुछ ऐसा ही अविश्वास प्रस्ताव के दौरान "कोंग्रेस ठगबंधन" के साथ हुआ था।

ठगबंधन ( आई.एन.डी.आई.ए.) के इन मुख्य नेताओं को भी ममतादीदी की तरह ही अब्बा-अब्बा,टब्बा-टब्बा,चब्बा-चब्बा के ही तर्ज पर हुर्र हुर्र हुर्रे करके जनता को चराने की आदत हो गयी है। जनता भी कमाल है! बार-बार झाँसे में आ ही जाती है। गुण्डों को पालना, उन्हें हथियार प्रदान करना, न्यायिक सुविधा, आर्थिक एवं शरीरिक सुरक्षा देना ऐसा जघन्य अपराध है जिसे कुछ हिन्दू विरोधी एवं मोदी विरोधी नेताओं द्वारा ही करवाया जाता है। हिन्दुओं के किसी भी त्यौहार पर पत्थरबाजी इतने प्रायोजित ढंग से होते हैं कि स्थानीय प्रशासन पर ही शक होता है।कई जगहों पर तुष्टिकरण की राजनीती करने वाले नेताओं ने प्रशानिक व्यवस्था एवं सुरक्षा (पुलिस) बलों को भी नपुंसक बना दिया है जो जनता के हितों के बजाय गुंडों के हितों की रक्षा करने में लगे रहते हैं। जिसमें पलटीमार नितीश कुमार भी अग्रगण्य हैं।

एक कहावत है कि यदि व्यक्ति कर्मयोगी हो तो उनके द्वारा किये गए कार्य ही व्यक्तित्व की पहचान बन जाती है मोदीजी की प्रतिभा, धैर्य, साधना एवं देश वासियों की प्रतिभा के प्रति उनका अटूट विश्वाश ही है जो उन्हें विलक्षण बना देता है। कोरोना के समय भी वैज्ञानिकों के प्रति उनका यही विश्वास था कि अनेकों व्यवधान एवं अफवाहों के शब्दजाल की परवाह किये बिना, अनुसन्धान करने वालों ने स्वदेशी वैक्सीन विकसित कर न सिर्फ अपने देश के नागरिकों की बल्कि कई अन्य देश के नागरिकों की जान बचाई है। सेना के प्रति विश्वास ने देश की सीमा को सुरक्षित किया है, दुश्मन देशों से लोहा लेने में सक्षम होने के साथ-साथ ये देश आज सुरक्षा उपकरणों को निर्यात करने का सामर्थ्य प्राप्त कर चुकी है। विश्वास की प्रेरणा ही है कि कलाकार हो या खिलाड़ी या फिर हों बड़े-बड़े विशालकाय सुरंग- सड़क-रेल- पुल निर्माण करने वाले इंजिनियर, मजदूर एवं कर्मकार सभी अपने-अपने कौशल को विकसित करते हुए कर्तव्य पथ गामी बने हुए हैं।

मोदीजी की सबसे बड़ी खूबी है कि वे किसी भी क्षेत्र के कार्य कर्ताओं के मनोबल को इतनी अंदरूनी ताकत प्रदान कर देते हैं कि व्यक्ति स्वचालित गतिशील हो प्रगतिपथ गामी हो जाता है।आज इसरो के वैज्ञानिकों के चेहरे पर सफलता एवं ख़ुशी के साथ गर्व का पल जितना सराहनीय था कुछ इतना ही सराहनीय एवं गर्व का वह पल भी था जब प्रधानमंत्री ने देश के वैज्ञानिक शिवम् को गले लगा कर तसल्ली देते हुए पीठ थपथपया था कि ये प्रथम चरण है जो वैज्ञानिकों को दृढ़ कदमों से प्रगतिपथ पर ले जायेगा। उस भावुक पल में प्रेरणादायी विश्वास का संक्रमण ही था जो आज भारत के वैज्ञानिकों ने चाँद के दक्षिणी ध्रुव पर अपनी अमिट पहचान की विजय ध्वजा गाड़ दी और आदित्य की ओर चल पड़े। जाने कितने उदाहरण भरे पड़े हैं उन क्षेत्रों के जो निराशा एवं अकर्मण्यता के जाल में फँसते जा रहे थे वे आज सजीव हो उत्थान एवं प्रगतिपथ पर विश्वास के साथ चरैवेति मंत्र जप रहे हैं।

मोदीजी को गालियाँ देने वाले, उन्हें बदनाम करने की कोशिस में लगे लोगों के प्रति भी मोदीजी निर्विकार ही है। देश तथा देश वासियों के मनोबल को बढ़ाते हुए कार्यरत रहना ही उनके महान व्यक्तित्व को चरितार्थ करते हैं। अज्ञानी अंधों के बीच मोदीजी उस हाथी की तरह ही हैं जो एक पहलू को स्पर्श करके उनके व्यक्तित्व का निर्णय कर देते हैं। एक अंधे के लिए हाथी रस्सी,दूसरे के लिए दीवार,तीसरे के लिए खम्भा,चौथे के लिए बड़ा पंखा (सूप ) पाँचवें के लिए वह अजगर तो छठे के लिए वह नुकीला त्रिशूल का हिस्सा था। चेतना विहीन अंधे निन्दकों के लिए, स्वार्थवश उन्हें पहचानना कठिन ही नहीं असंभव है। लेकिन देश को अगर सम्मान के साथ सुरक्षित रखते हुए आगे बढ़ाते रहना है तो देश को मोदीजी की ही जरुरत है जो निरन्तर चरैवेति के मंत्र को सच्चे अर्थ में चरितार्थ करते हैं। ऐसे मोदी जी पर लाँछन लगाने वालों या इन्हें गालियाँ देने वालों की समझ "चिकने घड़े" जैसी है

भ्र्ष्टाचारी, चोर, गुण्डे,आतंकी आतंकियों के सहयोगी, चीनी एवं पाकिस्तानी जासूस, विदेशियों के हाथों बिके हुए नेता, देशविरोधी गतिविधियों में लिप्त लोग, नशे एवं हथियारों के तस्कर, देश को गरीबी में धकेल कर अपना बैंक बैलेंस बढ़ाने वाले, भारत की अर्थव्यवस्था को रसातल में पहुँचाने वाले, युवाओं के हाथों में पत्थर एवं हथियार पकड़ाने वाले,तथा देश को कर्ज के भार तले ले जाने वालों को तकलीफ तो हो ही रही है इसलिए उनका मोदी जी के ऊपर निरन्तर सुर-ताल बदल कर भौंकते रहना स्वाभाविक है। कुछ प्रसिद्ध नमूनों के भौंकने से इतना तो पता चलता ही है कि कोई गतिमान है जो शत्रुओं की चैन और आनंद में खलल डाल रहा है।

Read More Articles ›


View Other Issues ›