सम्पादकीय: गाली देना आसान परन्तु मोदी बनना कठिन
आज जहाँ लगभग सभी देश यूक्रेन-रूस, इजराइल व आतंकी जिहादियों के युद्ध से प्रभावित हैं वहीं भारत अपने देश की आर्थिक स्थिति सुधारनें, सेना तथा सीमा की सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ साथ देश में अंदरूनी शांति बनाए रखने हेतु दिन रात कार्यरत है I देश की समझदार जनता मोदीजी का साथ भी दे रहे हैं एवं उनके 'विकसित भारत' के सपनें को सफल करने के लिए सकारात्मक कदम भी उठा रहे हैं I देश की अधिकांश जनता प्रधानमंत्री मोदी के प्रति अपनी श्रद्धा एवं कृतज्ञता भी जब तब प्रकट करते हैं I उनके द्वारा किए गए विकास कार्य देश की आर्थिक स्थिति में सुधर तथा गरीबों के उत्थान का कार्य उनकी कर्तव्य निष्ठा को स्वतः ही प्रमाणित करते हैं I
मोदीजी की देश एवं विश्व व्यापी प्रशंसा एवं कर्तव्य निष्ठा, मानवता वादी भावना तथा उनकी स्पष्टवादिता के साथ ही देश हित में निर्णय लेने की क्षमता के कारण अनेक भारत-विरोधी तथा हिन्दू-विरोधी समूहों के पेट में मरोड़ उठ रहा है I स्वयं को देशभक्त, गरीब हितैषी, किसान हितैषी न सावित कर पाने के कारण विपक्षी समूह मोदी को नीचा दिखाने, उन्हें गाली देने एवं उन्हें गलत सावित करने की जी तोड़ कोशिश में लगे हैं I झूठ बोलना, वादे से मुकरना, अप्रत्याशित कर लगाना, आतंकवादियों, तस्करों तथा गुंडागर्दी करने वाले समूहों को संरक्षण देने के कारण वे स्वयं ही बेपर्द हो चुके हैं I बेशर्मी की अतिशयता है कि इन सभी प्रामाणिक तथ्यों के बावजूद ये अपनी गलतियों पर शर्मिंदगी महसूस नहीं करते I 'चोर बोले जोर से' वाली कहावत को चरितार्थ करते हुए ये और भी ज्यादा उत्पात मचाते हुए मोदीजी को गालियाँ देते हैं I सत्य तो यह है कि मोदी को गाली देना आसान है परन्तु मोदी जैसा देशभक्त, कर्तव्य परायण एवं व्यापक दृष्टिकोण वाला बनना अत्यंत कठिन I