Hindu being targetted in India

सम्पादकीय: निशाने पर हिन्दू

धर्म के नाम पर विभाजन के बाद भी भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करने की दिशा में नेहरू द्वारा प्रतिरोध उपस्थित करना, हिन्दुओं की जिंदगी, उनके मान-सम्मान को आग में झोंकने के समान साबित हो रहा है। मुस्लिम कौम, मुस्लिम देशों में भी हंगामा मचा, कभी शरणार्थी तो कभी घुसपैठिये की तरह समूची दुनियाँ में खास कर जनतांत्रिक देशों में तिलचट्टे के समान पसर गए हैं। परिणामतः सेक्युलर देश हिंदुस्तान ही नहीं, पूरी दुनियाँ में आतंकवाद का पर्याय इस्लाम, उसकी जिहादी कौम, उस सांप की तरह कुण्डली लिए बैठी है,जो अन्य धर्माबलंबियों को अजगर की तरह निगलती जा रही है।
इस्लाम को शांतिप्रिय बताने वाले मौलवी अपने कौम के मासूम बच्चों को भी मदरसे में नफरत, क्रूरता, अश्लीलता और असहिष्णुता की तालीम देते हुए उन्हें मजहब के नाम पर अक्षम्य अपराध, पाप वृत्तियों को सहजता से करने के लिए ही तैयार करते हैं । ये कौम शरणदाता देश के कानून का इस्तेमाल सिर्फ फायदे लेने के लिए ही करती है। मजहबी तालीम का असर है कि नाबालिग बच्चे बलात्कार, हत्याएँ,सर तन से जुदा आदि के नारे लगाते वक्त भी किसी प्रकार के अपराध बोध से ग्रसित नहीं होते हैं।

गैर इस्लामी औरतों को लव-जिहाद का शिकार बनाना, जबरन अपहृत करना, विवाह के लिए विवश करना, धर्मपरिवर्तन करवाना, उन्हें जलाना , जान से मारना वेश्यावृति में धकेलना जैसे जघन्य अपराध वे इस्लाम के ही नाम पर ही करते हैं। अनगिनत लड़कियाँ इन जिहादी मुसलमानों द्वारा कई बहानों से मौत के मुँह में धकेली जा चुकी है। भारतीय मुस्लिम हिन्दुओं की सहनशीलता का नाजायज फायदा उठाते हैं। सोनम, अंकित, अंकिता, अंजली जैसे सैकड़ों उदाहरण भरे पड़े हैं जिसकी हत्या के जिम्मेदार बहुआयामी जिहाद की मानसिकता है। हिन्दुओं की हत्याओं पर वामपंथी नेताओं, सर तन से जुदा का नारा लगाने वाली धरना गैंग उम्माह के तहत बड़ी शान्ति से तमाशा देखती है। इस्लाम समुदाय के ओवैसी ऐसे नेता स्वयं के लिए हिन्दुओं अथवा ईसाईयों से जिस भाई-चारा,सहिष्णुता या उदारता की उम्मीद करते हैं, वही उदारता वे स्वयँ में आत्मसात करने की रत्ती भर भी कोशिश नहीं करते हैं। वस्तुतः विश्वस्तर पर जिहाद या इस्लाम के विस्तार का फितूर इन्हें अनेक अनैतिक पापपूर्ण कृत्यों की धकेलता हुआ, खूंखार वहसी जानवरों की श्रेणी में ले आया है।

एक समय था जब अरब देशों में खाने- पीने की सामग्रियों कमी थी, अतः जानवरों को काट कर खाना, पानी की खोज में भटकना, खानाबदोश जिंदगी होने के कारण एक परिवार की स्त्रियों से शादी-विवाह, अन्य कबिलाई स्त्रियों से राक्षसी विवाह, लूट-पाट उनकी मजबूरी थी। परन्तु इस सदी में शिक्षित तथा आर्थिक रूप से संपन्न होकर भी मजहबी-चोले में वहसी हो गए हैं। ये बुराईयों की दलदल से न तो निकलना चाहते हैं ,न सुधरना ही चाहते हैं। जड़ प्रवृत्ति के क्रूर जानवरों जैसे लूटेरों की वंशावलियों वाले लुटेरे , हरम में कैद हजारों औरतों से उत्पन्न हुई हैं अतः इस्लाम स्वीकार कर किसी भी अन्य धर्म के लिए काल रूप बन गयी है। हास्यपद और लज्जाजनक है कि वर्णशंकर ,धर्म परिवर्तित, जिहादी जमात जिसे अपने हिन्दू पूर्वजों की स्त्रियों का सम्मान खोने का अफसोस होना चाहिए वे स्त्रियों का अपमान करना अपना जन्मसिद्ध अधिकार समझते।

ये खूंखार, क्रूर, बलात्कारी अजगर की तरह हिन्दुओं को निगलते जा रहे हैं, महादलितों के घर जलाए जा रहे हैं । शांतिप्रिय हिंदू मेढकों की तरह टर्राते हुए भी निरंतर, नितप्रति इन पापी जिहादी गुंडों के ग्रास बन रहे हैं। सरकार इन झूठे सेक्युलर नेता, झूठे मानवाधिकार वाले, प्रदर्शनकारी धरना गैंग, या सर तन से जुदा का समर्थन करने वाले मुल्ले के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही न कर हिन्दुओं पर होने वाले अत्याचारों को बढ़ावा दे रहे हैं। कितना दुखद है ! धर्म के नाम पर देश के बाँटने के बाद भी नेहरू, इंदिरा तथा राजीव की गलत नीतियों के कारण हिंदुस्तान में भी हिंदू ही प्रताड़ित और असुरक्षित बने हुए जिहादी अजगर एवम् मगरमच्छों के शिकार हो रहे हैं।


धर्म नीति पर चलने वाले ,हिन्दू तेरी कैसी किस्मत?
भारत में यमराज जिहादी,खाते जाते चबा चबा कर।

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