Dr Sumangala Jha, Chief Editor

सम्पादकीय : लोकप्रियता, विकास एवं तड़प

हमारे भारत देश के गौरवशाली प्रधानमंत्री मोदी जी के प्रशासनिक काल में अनेकानेक प्रभावीकार्यों ने जहाँ देशभक्तों के हृदय में जीवन-संजीवनी का संचार किया है वहीं वामपंथियों एवं देश-विरोधियों को हृदयाघात भी दिया है। इनके द्वारा बढ़ावा दिए गए विकास कार्य सुनिश्चित करने में नितिन गडकरी का अतुलनीय सहयोग है जिसे आज से पहले कभी भी इस गतिशीलता के साथ आगे नहीं बढाया गया था। परिणाम स्वरूप सीमावर्ती क्षेत्रों की आवाजाही ने जहाँ सेना का मनोबल बढ़ाया है, वहीं स्थानीय लोगों को रोजगार-परक सुविधाएं भी सुगमता से उपलब्ध हो गई है।

प्रायः प्रत्येक महीने घटने वाली अप्रत्याशित हादसों पर जिनमें बेगुनाहों की जिंदगी खत्म हो जाया करती थी उन पर भी कुछ हद तक नियंत्रण किया जा सका है। कश्मीर जो आतंकवादियों के चंगुल में इस कदर जकड़ा जा चुका था कि हिन्दू-विहीन होने के पश्चात भी हिंदुस्तान समर्थक आम जनता पर हावी था, आये दिन विभिन्न षडयंत्र के तहत सेना के जवान मारे जा रहे थे वहाँ आज तुलनात्मक रूप से काफी शान्ति बनी हुई है।

स्वाभाविक रूप से कश्मीर की शान्ति पाकिस्तानियों एवं गुपकर गैंग के सदस्यों के लिए हाजमा खराब करने वाली है। धारा 370 के हटाये जाने के बाद हिंदुस्तान से सुविधा लेने वालों एवं पाकिस्तान के आतंकी घुसपैठिये को सुरक्षा देने वाले समूहों को पित्त की बीमारी हो गयी है। जिनके द्वारा वमन किये जाने वाले जहरीले बयानबाजी ने उनकी छद्म नीतियों को बेपर्द कर दिया है।आज प्रत्येक देशभक्त आस्तीन के इन जहरीले साँपों से नफरत करता है, लेकिन क्या किया जाए ! भारत में तो नागों को भी दूध पिलाने की, उनकी पूजा करने की परंपरा रही है,शायद इसीलिए जहरीले गद्दारों को भी भारत सरकार पाल रही है।

सेना को सशक्त बनाना उन्हें बुलेटप्रूफ जैकेट उपलब्ध कराना या उन्हें अतिआधुनिक युद्ध स्तर के हथियारों से सँवारना उन नेताओं को काफी कष्टप्रद प्रतीत हो रहा है जो सुरक्षा हेतु निर्धारित बजट के पैसे भी अपने जेब में डालते हुए अरबपतियों की पंक्तियों में आ बैठे हैं। नोटबन्दी,बैंक खाते में सीधा भुगतान,तस्करों पर प्रतिबंध,घोटालेबाजों को बेनकाब करना,आतंकवादियों पर नियंत्रण,काला-बाजारी ऐसे कारनामों पर नकेल कसना आसान काम नहीं है क्योंकि बहुत बड़े -बड़े नेताओं का हाथ भी इसमें शामिल है। मोदीजी ने काले कारनामों में सहयोग देने वाले अनेक वामपंथी एवं देशविरोधी नेताओं को बेनकाब कर उन्हें अपना दुश्मन बना लिया है। ट्विटर, ऑल्ट न्यूज, क्विंटमीडिया, न्यूयॉर्क टाइम्स जो भारत विरोधी, हिन्दू-विरोधी, मोदी-विरोधी कार्य योजना का संचालन बेबाकी से कर रहे थे आज बेनकाब हो देश हितैषियों की नज़र में घृणास्पद हो गए हैं। हिन्दू विरोधी झूठ फैलाने की खेती करने वाले तथा हिन्दू देवी-देवताओं को मसखरों की शैली में अपमानित कर पैसे कमाने वाले जुबैर,मुन्नवर फारुखी आदि आज जेल का स्वाद भी ले चुके हैं,जिसके कारण हिन्दू विरोधी कार्यक्रम चला कर पैसे कमाने वाले कराहने लगे हैं।

बैंकों के पैसे घोटाले करने एवं करवाने वाले आज देश से भागे-भागे फिर रहे हैं। इन्हें कमीशन लेकर बचाने की कोशिश करने वाले और झूठ के सहारे मोदी पर दोषारोपण वाले भी बेनकाब हो चुके हैं । एक-दूसरे को गालियाँ देने वाले विपक्षी नेताओं की एकजुटता का मूल कारण मोदीजी के प्रशासन में इनके पापों के पुलिंदों का सार्वजनिक होना ही है। आज जहाँ मोदीजी की प्रेरणा एवं सहयोग से देशहितैषी सारे कार्य त्वरित गति से पूरे किये-करवाये जा रहे हैं, वहीं देशविरोधियों ,तस्करों, आतंकियों को मिलने वाली सजा के कारण बहुत से नेताओं के पेट में मरोड़ उठ रहा है। मोदीजी जी की राजनीतिक कुशलता एवं लोकप्रियता का लोहा पूरा विश्व स्वीकार चुका है परन्तु अपने ही देश में ऐसे लोग भरे पड़े है जिन्हें मोदीजी से एवं देश प्रगति एवं आत्मनिर्भरता से जलन हो रही है। वे निरंतर देश की छवि तथा मोदीजी लोकप्रियता को धूमिल करने की जी तोड़ कोशिश में लगे रहते हैं।

कुछ नेताओं ने नीचता की सरहद को भी शर्मशार कर,अपनी ओछी प्रवृत्तियों का परिचय देते हुए, स्वयँ के कुकर्मों को छिपाने या अवैध कार्यशैली में आने वाली बाधाओं के कारण विषैले बोलों से वातावरण को विषाक्त कर दिया है। देश विरोधी, समाज-विरोधी नेताओं के दिल से निकलने वाली कुत्सित भावना की तड़प ही उन्हें भोले जनता,युवाओं-युवतियों को आये दिन किसी न किसी बात को लेकर हंगामा मचाने के लिए उकसाती रहती है। दिन-रात खामियां ढूँढने में लगे विपक्षी नेताओं को राम-मंदिर, कन्नौज, बदरीनाथ,केदारनाथ के विकास और पुरुद्धार से बहुत ज्यादा कष्ट हुआ है।

पर्दे की ओट में पाकिस्तान, चीन,आतंकवादियों एवं ईसाई मिशनरियों के समर्थक किसी भी सामाजिक हित में, केंद्र सरकार द्वारा लिये गये निर्णय के विरुद्ध झूठ और भ्रम फैलाने की जी तोड़ कोशिश में लगे रहते हैं। राहुलसुर, सञ्जय सिंह, ओवैसी, महबूबा मुफ्ती, अब्दुल्ला ऐसे बहुत से नेताओं के बिगड़े बोल उनकी कपटी प्रवृतियाँ, भारत देश एवं यहाँ के जनता के प्रति उनकी गद्दारी स्वतः साबित कर रही है। भारतवासियों को खास कर हिन्दुओं को ज्ञात हो रहा है की पिछले सत्तर सालों से उन्हें कितना छला जाता रहा है।

गद्दारों को मोदीजी से खफा होना स्वाभाविक ही है परन्तु देशहितैषियों, देशभक्तों एवं आम गरीबों के लिए तो मोदीजी निः संदेह उनके हृदय के राज-राजेश्वर ही हैं। अपना जीवन राष्ट्र को समर्पित कर जिन्होंने सबका विकास, सबका साथ,सबका विश्वास,सबका सहयोग का मंत्र ले निरंतर गतिशीलता को आत्मसात किया है। फिर भी घोटालेबाजों की जमातें, देशविरोधी गुट,वामपंथी नेता के समूह मोदीजी को बदनाम करने के लिए कुछ न कुछ ढूँढ़ ही लेते हैं।

आज अचानक मच्छु नदी पर बने पुल का गिरना और लगभग साठ लोगों की मौत ने सभी लोगों को सदमें में डाल दिया है। जनता की जान बचाने के लिए भारतीय जवान तम्यता से लगे हुए हैं;परन्तु छुद्र प्रवृत्तियों के लोगों को यहाँ भी मोदीजी को निशाने पर ले अपनी गन्दी राजनीति ही चमकानी है। यद्द्यपि काफी सारे वीडियो में पुल के ऊपर उत्पात मचाने वाले लड़के पुल को हिलाते एवं केबल पर लात मारते उसे तेज गति से झुलाने की कोशिश में लगे दिख रहें हैं। झूलता पुल टूटने के हादसे में इतने लोगों मौत निश्चित ही तहकीकात का विषय है। यह तो वक्त ही बताएगा कि यह स्वाभाविक हादसा है या किसी साजिश के तहत गुजरात प्रशासन को बदनाम करने के लिए प्रेरित हादसा है क्योंकि दुर्घटना से पहले के कुछ सांकेतिक ट्वीट्स एवं केबल के टूटने का दृश्य किसी भयानक साजिश की ओर भी इशारा करती है। पुल गिरते देख ऐसा महसूस हुआ कि एक तरफ के सारे केबल जहाँ-तहाँ कटे हुए थे इसीलिए केबल धागों सा टूट कर एक ओर पलटा खा नीचे पहुँच गया।कारण जो भी रहा हो अभी तो जिन लोगों ने अपने आत्मीय को खोया है, उनके प्रति संवेदना ही प्रकट कर सकते हैं।

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