Editorial

सम्पादकीय : चुनावी हिन्दू

आज अगस्त सत्रह, खेजड़ीवाल उत्तराखंड में चुनावी यात्रा का आरंभ कर रहे हैं।उनके प्रवचन रोचक और हास्यप्रद भी हैं।देवभूमि के सभी देवताओं के नाम का आवाहन कर ये उत्तराखंड की जनता को वोट के लिए लुभाने की कोशिश में लगे हैं।उनके प्रचार का तरीका और शब्दों को सुन कर ऐसा लगा कि ये जनाब फिल्मों में किसी भी अभिनेता से बेहतर अभिनय कर सकते हैं।दिल्ली को बिजली-पानी, बस फ्री में देने का एलान कर, चुनाव जीतने के बाद इन "आप" के नेताओं ने अपना असली रंग दिखाना आरम्भ किया है।बंगाल में ममता, बिहार में तेजस्वी यादवऔर केरल में भी बामपंथी नेताओं के जीतने बाद रंगबदलू कारनामों को वहाँ के हिन्दू झेल रहे हैं।

दिल्ली दंगे, बॉर्डर पर किसानों का धरना, स्वयँ की प्रशंसा का विज्ञापन, आतंकियों को आर्थिक सहायता, दंगे में लिप्त मुस्लिम आतंकियों को कानूनी सहायता, रोहिंज्ञाओं को बसने के लिए जमीन, मस्जिद के इमामों की सैलरी में बढ़ोतरी, मुसलमानों को रूहअफजा, सूखे मेवे, फ्री राशन के साथ गरीब आवास योजना के घर भी रोहिंज्ञाओं को उपलब्ध कराया है।

लोक कल्याण के नाम पर इन अवैध घुसपैठियों के लिए राशनकार्ड और अन्य बहुत सी सुविधाओं से इन्हें नवाजा गया है। खेजू के लोकप्रिय कार्यों में राशन घोटाला, आक्सीजन की कालाबाज़ारी, जीवन रक्षक दवाइयों की बर्बादी, आस-पास के राज्यों के मरीजों की जान से खिलवाड़, फ्री का मौत,बाढ़ की तबाही, मजदूरों को रातों-रात दिल्ली से बाहर धकेलना भी है। 'आप', अघाड़ी, कोंग्रेसियों ने समाज विरोधी, हिन्दुविरोधी, गरीब-विरोधी, कार्यों में जबरदस्त विकास किया है जिसका उदाहरण विभिन्न कोंग्रेस तथा उनके सहयोग से बनी राज्य सरकारों में स्पष्ट दिखाई देता है।

'आप' के नेताओं द्वारा आरम्भ किये गए मोहल्ले क्लिनिक में कुत्ते और गधे आराम कर रहे हैं। चुनाव के समय ये सिसोदिया, चड्डा आदि नेताओं ने जो मंदिरों में आकर आशीर्वाद लेते थे, जीतने के बाद मंदिरों को तुड़वाना, राशन की लाइन से हिन्दुओं को भगाना,यू.पी, उत्तराखंड, बिहारआदि के मजदूरों को कोरोना काल में धोखे से दिल्ली से बाहर निकालने में प्रस्तुत चतुराई अविस्मरणीय हैं। हिन्दुओं के बिजली बिल दोगुने आ रहे हैं, मंदिरों में बिजली के लिए अतिरिक्त बिल दिए जा रहे हैं वहीं मस्जिदों, मुस्लिम के घरों तथा चर्च में मुफ्त बिजली दिए जा रहे हैं। अमनुतुल्ला खान, ताहिरहुसैन तथा संजय सिंह को संरक्षण देने वाले खेजू ने अंकित शर्मा के परिवार को तथा हिन्दू लड़कों या हिन्दुओं की मौत पर दोषियों के विरुद्ध नगन्य कार्यवाही की है। हिन्दुओं की मौत पर इन दोहरे मापदंड वाले चेहरे, चुनावी हिन्दू, जनेऊ धारी तथा चंडीपाठ करने वाली ‘डायन’ भी मुँह में दही जमाये रहती है।खुजलीवाल, आप, कांग्रेस तथा उसकी सहयोगी पार्टियाँ हिन्दू विरोधी, मोदी विरोधी, देशविरोधी, हिंदुस्तान की वैदिक संस्कृति के भी विरोधी हैं। इनलोगों के नेताओं ने हिन्दुओं को लूटने तथा उनके साथ धोखाधड़ी करने के लिए दिल्ली के कई मोहल्लों में दंगाइयों को सुरक्षित रखा है।

'साँप+लोमड़ी+जहरीले साँप' तीन प्रजाति के समिश्रण से उत्पन्न ‘खेजू’ नामक व्यक्ति को न झूठ बोलने में शर्म आती है, न ही टैक्स के पैसे का घोटाला करने में और न ही दंगाइयों का समर्थन या उनका बचाव करने में।

पाकिस्तान समर्थक ये नेता पंजाब में पिटने के बाद अब उत्तराखंड के लोगों को ठगने के लिए पहुँच चुके हैं। ये अगर किसी भी जगह से लोगों के भोलेपन का फायदा उठा कर जीत गए तो वहाँ की जमीन पर जिहादियों, रोहिंज्ञाओं, उइगरों को ही बसा कर उस पुण्यभूमि को राक्षसों की ‘पाप की भूमि’ बना, प्रदूषण ही फैलाएंगे।

उत्तराखंड के लोगों को इस दोहरे चारित्र के आप और कोंग्रेसियों के नेताओं से सावधान रहना जरूरी है। ये छद्मवेशी हिन्दू के नाम वाले नेता वस्तुतः आतंकियों, इस्लामियों, तालिबानियों के रहनुमाई करने वाले हैं। अनेकों नेता जैसे राहुल गाँधी, शशिथरूर, शिबू सोरेन, जगनरेड्डी, पिनाराई, उद्दव ठाकरे, टी एम सी की ममता, सपा के अखिलेश, बसपा की मायावती, तथा 'आप' के अधिकांश नेता सिर्फ चुनावी हिन्दू हैं। हिन्दुओं, मन्दिरों, सनातन धर्म की सुरक्षा, समृध्दि प्रसार-प्रचार से कोई मतलब न रखने वाले हिन्दूओं के घरों और मंदिरों के चक्कर ये सिर्फ चुनाव में जीतने के लिए करते हैं। जीतने के बाद ये मंदिरों और हिन्दुओं को लूट कर गैरहिंदुओं को पालते हैं। मस्जिदों और चर्च को राजस्व से विशेष सुविधायें उपलब्ध कराते हैं।

उत्तराखंड के लोगों को आप और कोंग्रेसियों की चालबाजियों से बच कर रहना आवश्यक है। जनता को सोच-समझ कर अपनी और देवभूमि की सुरक्षा के हित में ही वोट देना चाहिये अन्यथा देवभूमि को दैत्यों की भूमि बनाने में कोंग्रेस और आप पार्टी के लोग कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। ये देशविरोधी, अधर्मियों के साथ मिल हिन्दुओं को खत्म करने के लिए पूर्ण तन्मयता से सक्रिय हो जायेंगे। ऐसे भी सारे विपक्षी पार्टी हिन्दुविरोधी होने के साथ-साथ पाकिस्तान, तालिबान और चीन के ही रहनुमाई करने वाले हैं। छद्मवेशी चुनावी हिन्दू नेताओं से प्रत्येक हिन्दू को सावधान रहने की आवश्यकता है।अंततः रामधारी सिंह दिनकर की कुछ पंक्तियाँ राष्ट्र हित में वोट देने की प्रेरणा देता है।

"बुला रहा निष्काम कर्म वह बुला रही है गीता,

बुला रही है तुम्हें आर्त हो मही समर - संभीता।

इस विविक्त, आहत वसुधा को सुधा पिलाना होगा।

अमित लता गुल्मों में फिर से सुमन खिलाना होगा।"(कुरुक्षेत्र)

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