पप्पू की सगाई
पप्पूजी की हुई सगाई,
कर्णाटक के तम्बू में ,
चोर बने थे वहाँ बराती,
भ्रष्ट घराती खेमें में।
माताजी के देख-रेख में
साँठ-गाँठ तो पक्का है,
दुल्हन किसे बनाया जाये,
पप्पू किसका पप्पा है?
मैया की महफ़िल में साजिश,
बहुत ही गहरी होती है,
देश-विरोधी गति-विधियों को,
नित-प्रति ही उकसाती है।
कैसे पतित बचाये जाएँ ?
किस हिन्दू को कैसे मारें ?
भारत को बदनाम करें औ,
किस मंदिर को कैसे लूटें ?
इनके खानदान की गाड़ी,
चलती झूठ के पहियों पर,
नाटक और नचनियाँ पार्टी,
"खेला होता" है ! मंचों पर।
डॉ सुमंगला झा।