Dr Sumangala Jha, Chief Editor

जरूरत है हाज़मौले की

पाचन शक्ति को दुरुस्त करने वाले हाज़मौले का विज्ञापन लगभग सभी लोगों ने देखा होगा।अपच होना,जरूरत से ज्यादा खाना,अभक्ष्य पदार्थों का सेवन,असमय भोजन आदि भी पाचनतंत्र पर दुष्प्रभाव डाल कर बदहजमी से सम्बंधित बीमारियों को बढ़ावा देते हैं।कुपोषण मानसिक अशान्ति तथा नकारात्मक विचारों को उत्प्रेरित तथा पोषित भी करते हैं। अपर्याप्त, उपयुक्त भोज्य का अभाव भी उदर के अंतर्गत अनगिनत बीमारियाँ या असामान्य दर्द की मौजूदगी का कारण बनते है। भारत में दो चुनावों के बाद भक्ष्याभक्ष्य में लिप्त रहने वाली पूर्ववर्ती सरकार के विभिन्न मंत्रियों के विशालकाय उदर के पाचनतंत्र में खुराक की पर्याप्त मात्रा में कमी के कारण मीठा-तीखा दर्द देने वाली अल्सर बीमारी का विकास हो गया है। दिनरात लूट की मलाई खा-खा कर मोटे होने वाले नेताओं का गुणगान करने वाले,जूठन चाटने पत्रकार भी जनता द्वारा दुत्कारे जा रहे हैं। ज्यों-ज्यों पूर्ववर्ती कोंग्रेस, सपा, बसपा, टीएमसीआदि अनेक वामपंथी के काले कारनामे सामने आ रहे हैं वामपंथियों के पेट में मरोड़ उठता जा रहा है।

अगस्त तथा सितंबर का महीना कई दृष्टिकोण से बहुत ही महत्वपूर्ण है। शिक्षक दिवस, अमेरिका में आतंकी हमले कि वर्षगाँठ, हिंदीदिवस,गणपति पूजा-विसर्जन, सेना भवन का उद्घाटन, मोदी की विदेशयात्रा, अंतरराष्ट्रीय मंच पर अफगिस्तान-पाकिस्तान को बेनकाब किया जाना, आतंकवादी हमलों का निरस्त्रीकरण, आतंकियों की मौत आदि अनगिनत ऐसे कारनामें हैं जिसके कारण वामपंथियों तथा दुश्मन देशों के हाथों बिके हुए नेताओं के मंसूबे ध्वस्त हो गए हैं।स्वाभाविक है कि उनके पेट में मरोड़ उठ रहा है।

देशविरोधी गतिविधियों में लिप्त ग़द्दारों, विकास के नाम पर व्यक्तिगत तिजोरी भरने वालों,लूट-वसूली-तस्करी करने वालों पर कार्यवाही किये जाने के कारण वामपंथी लुटेरों के मुख से विषैले-झाग बलबालते हुए बाहर आ रहे हैं।

विरोध की राजनीति, तोड़-फोड़, धरणाप्रदर्शन करने के साथ-साथ अब ये हथियार सहित पकड़े जाने वाले आतंकियों, हत्यारों, बलात्कारियों, स्वर्ण तथा नशीले पदार्थों के तस्करों को भी मासूम और निर्दोष बताने लगे हैं।

इनके लिए मोदी की प्रशंसा तो अपाच्य है ही, मोदी द्वारा देश तथा जनता के हित में किये गए कार्य अत्यंत कष्टदायक, अल्सर बीमारी की तरह है।

उदारहण के लिए आधे देश के विभिन्न स्थलों का नाम एक परिवार के नाम पर रखे जाने वाली एन्टोनियो-गाँधी-पार्टी के नेता मोदी के नाम पर एक स्टेडियम के होने से ऐसे कूदने-तिलमिलाने लगे जैसे किसी ने उन्हें जमालगोटा पिला दिया हो। मोदी के जन्मदिवस पर कोविड टीके के सांख्यिकी गणना के प्रस्तुति करण के साथ जन्मदिन मनाने के ढंग ने जनता को पूर्ववर्ती भ्रष्टाचारियों मुलायम सिंह, मायावती, राहुल गाँधी, जयललिता आदि के जन्मदिन मनाने के तरीकों की याद दिला दी। ये नामी-गिरामी लुटेरे और लुटेरों के हिमायती नेता जनता के करोड़ों रुपये अपनी अय्यासी में पानी की तरह बर्बाद करते थे। इनके जन्मदिन पर सम्पूर्ण सरकारी तन्त्र पुलिस, डॉक्टर, छोटे-बड़े व्यापारी व्यक्तिगत कामगारों की तरह बेगारी करते थे। पार्टी के गुण्डे कार्यकर्ताओं द्वारा आम जनता को मेहनत से उपार्जित पैसे देने के लिए बाध्य किया जाता था, न देने पर उनका जीना हराम कर दिया जाता था। जन्मदिन पर विदेशी बग्घी परजुलूस निकालने वाली मुलायम सिंह की पार्टी जबरन वसूली, टैक्स के करोड़ो रूपये अपनी अय्यासी, गुंडापालन तथा उनकी खातिरदारी में खर्च करती थी। मायावती को बेघर, भूखे तथा ठंढ से मरने वाली गरीब जनता या दलित स्वयँ के शासन काल में दिखाई नहीं देते थे। उनके पार्टी के कार्यकर्ताओं ने जबरन वसूली तथा टैक्स के तीन सौ करोड़ से ज्यादा पैसे मायावती के जन्मदिन मनाने के लिए वसूले एवं खर्च किये थे। उसी साल सैकड़ों बेघर गरीबों की जान ठण्ड और भूख के कारण चली गयी थी जिसकी तनिक भी परवाह नहीं की गयी थी। सोनियाँ अपने बच्चों के जन्मदिन भी विशेष विमान में मानती थी।

राजीव गांधी तो नेवी के जहाज व्यक्तिगत टैक्सी के रूप में इस्तेमाल करते हुए इतालवी सास-ससुर के साथ विदेशी द्वीपसमूह पर जा जन्मदिन मानते थे। जय ललिता सुप्रीमो तो जन्मदिन पर पानी की तरह पैसे बहाने तथा लूट के माल से सरकार गिराने-बनाने तक के लिए प्रसिद्ध थी।

वामपंथियों में ज्यादातर नेता वस्तुतः देशद्रोहियों, लुटेरों एवं दुश्मन देशों के हाथों बिके हुए हैं। ऐसे नेताओं को भारत का विभिन्न क्षेत्रों में आत्मनिर्भर होना, सेना की हथियार संपन्नता, सशक्तिकरण, आतंकियों एवं घुसपैठियों पर नियंत्रण, देशवासियों की शान्ति, सुरक्षा तथा संपन्नता पच नहीं रही है। इनका ध्येय शायद हिन्दुओं,सनातन धर्म, हिंदुस्तान की सांस्कृतिक विरासत तथा हिन्दुओं के समर्थक प्रत्येक आवाज को दबा कर, पूर्ण रूप से नालन्दा या तक्षशिला की तरह भारत को जलाना, बर्बाद करना है। इस्लामिक, पाकिस्तानी, आतंकी संगठनों तथा विस्तार वादी चीन के इशारे पर काम करने वाले गद्दार नेताओं को 'आर एस एस','बी.जे.पी' की देशभक्ति परेशान करती है। विभिन्न चुनौतियों से शान्ति से निपटने वाले कर्मठ मोदीजी की, हिन्दुओं एवं ग़ैरइस्लामियों की सुरक्षित जिंदगी जिहादी-गजवाये हिन्द समर्थकों को बर्दाश्त नहीं हो रही है।

अनेक चालबाजियों, हथियार, गोलाबारूद, नशीली पदार्थों के साथ आतंकियों का पकड़ा जाना, देशविरोधी गतिविधियों,तथा साजिशों का पर्दाफाश होना बहुतों के लिए बहुत ही कष्टदायक है।प्रसिद्धिप्राप्त लोगों एवं नेताओं को जिन्हें देश के दुश्मन, ग़द्दारों, आतंकीयों एवं दुष्प्रचारकों से प्रेम है उन्हें विशेष प्रकार की पाचक दवा या हाज़मौले की जरूरत है। अन्यथा ग़द्दारों के पेट के अंदर का अल्सर कैंसर में बदल जायेगा जो सम्पूर्ण देश तथा देशभक्त नागरिकों के लिए नुकसान दायक होगा। कोविड के टीके के साथ-साथ पेटू लुटेरों और ग़द्दारों के लिए भी विशेष चूरन तथा दवा की आवश्यकता है। ऐसी आयुर्वेदिक दवा जो लूट-पाट, तस्करी, ग़द्दारी और आतंकवाद की बीमारियों पर नियंत्रण कर उसे जड़ से खत्म कर सके।

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