I-N-D-I-A के “पप्पू-वचन”: ‘हम हिन्दू-धर्म के ‘शक्ति’ से लड़ रहे हैं"
कांग्रेस और उसके I-N-D-I-A गठबंधन का असली हिन्दू विरोधी चेहरा दिनांक १८ मार्च २०२४ को तब देश और दुनिया के सामने आया जब मुम्बई के शिवाजी पार्क में अपने INDI -गठबंधन के पहली चुनावी रैली में उन्होंने कहा, "‘हिन्दू-धर्म में शब्द ‘शक्ति’ है, और हम ‘शक्ति’ से लड़ रहे हैं" I यह समझना अत्यंत लाजमी है कि हिन्दू धर्म में शक्ति शब्द का मतलब माँ दुर्गा तथा कुछ अन्य दैविक शक्तियों से है जिसका अत्यंत सम्मान है और कांग्रेस व INDI गठबंधन के घटक दल हिन्दुओं के उन्हीं दैविक शक्तियों के खिलाफ हैं, उससे लड़ रहे हैं I
INDI - गठबंधन का अगर यह पहला हिन्दू-धर्म विरोधी वक्तव्य होता तो हिन्दू इसे राहुल गांधी की नासमझ, बचकाना और अपरिपक्व वक्तव्य समझ कर भूल जाते परन्तु अभी हाल ही में गठबंधन के DMK घटक ने भी कुछ ऐसा ही बयान दिया था जिसमें हिन्दू धर्म की तुलना डेंगू, मलेरिया अदि बीमारियों से किया गया था (read "उदयनिधि का क्या हो ?" https://thecounterviews.in/articles/dealing-with-udaynidhi-hate-speach-against-sanatan-hindus/) I DMK के ही A राजा ने एक और हिन्दू विरोधी वयान दिया और कहा कि उसे भगवान् राम से नफ़रत है और भगवान् हनुमान की तुलना बन्दर से की I ऐसे ही RJD और समाजवादी पार्टी के नेताओं ने भी रामायण ग्रन्थ का अपमान किया था I ऐसे घृणास्पद वक्तव्यों पर INDI-घटक के सारे दल चुप रहते हैं, कोई इसकी निंदा नहीं करता I "यह उनका अपना वयान है" कह कर सारे चुप हो जाते हैं I देश के हिन्दू बहुल आवादी आखिर कब तक ऐसे अपमानों को सहन करते रहेंगे ?
हिन्दू धर्म का अपमान करते समय राहुल गाँधी अपने सलाहलारों से घिरे थे I जब बीजेपी और NDA के बहुतों घटक दलों ने इस पर आपत्ति जताई तो राहुल गाँधी के सारे सलाहकार और INDI गठबंधन के सारे घटक दल इसके समर्थन में थे, राहुल गांधी के बचाव में दलीलें दे रहे थे I राहुल गांधी के इस वक्तव्य को "पप्पू-वचन" से सम्बोधित किया जा रहा है I इस "पप्पू-वचन" से पूरा देश और खासकर देश का "हिन्दू समाज" स्तब्ध सा रह गया I उसके अलग-अलग घटक दल विगत में भी मुस्लिम तुष्टीकरण में अनेकों हिन्दू धर्म विरोधी वक्तव्य दे चुके हैं परन्तु अलाएंस बनने के बाद और चुनावी रैली में गठबंधन का यह पहला ऐसा वक्तव्य है जिसनें हिन्दुओं को आहत किया है I अब NDA गठबंधन इस “पप्पू-बचन” को "हिन्दू विरोधी" चुनावी मामला बना कर अपने चुनावी रैली में खुलकर भुना रहे हैं I INDI-गठबंधन को भी हाल के “पप्पू-वचन” की तपिश महसूस हो रही है और गठबंधन के गले की फाँस बन जानें के बाद समस्या गंभीर बनती जा रही है I I वैसे यह बात अलग है कि राहुल गाँधी की यह पुरानी बीमारी है जिससे कांग्रेस बुरी तरह से पीड़ित है (पढ़ें “Rahul gandhi’s Foot-in-Mouth Disease”, https://thecounterviews.in/articles/rahul-gandhi-foot-in-mouth-disease/) I
एक गंभीर सवाल उठता है कि हिन्दुओं और सनातन हिन्दू धर्म को गाली देने वालों से कैसे निबटा जाए ? हम मजहबियों जैसे असहिष्णु तो हैं नहीं कि तलवार लेकर उनका सर काटने चले जाएँ अथवा उनके शरीर में छुरा भोंक दें I लेकिन चुप रह जाना भी कायरता का प्रतीक होगा I कानूनी प्रक्रिया बहुत ही लम्बी होगी और अगर सिब्बल, सिंघवी या चांदी के जूते खाकर भी अपनी आत्मा की आवाज को मारकर काम करने वाले अन्य नामदार अधिवक्ता मिल ही जाएंगे I वे कोई न कोई तकनीकी दाँव पेंच लगाकर I-N-D-I-A के नफरती जमात को छुड़ा ही लेंगे I चुनाव आयोग भी कुछ नहीं करेगी I मोदी सरकार चुनावी आचार संहिता लागू होने के बाद कोई सख्त कदम नहीं उठा पाएगी I अतः आइये I हम और आप सारे हिन्दू यह प्रतिज्ञा लें कि हिन्दुओं और हिन्दू धर्म का अपमान करने वालों को एक भी वोट न डालें I इसमें कोई दो मत नहीं कि हमारी हिन्दू एकता से सारे 'हिन्दू नफरती' को सबक मिल जाएगी I
जय हिन्द I