चलते चलाते : ये बंदा
ये बंदा
देखो!छक्के वाला बंदा,
खुद छक्का बन आया है।
गेंदबाज था कभी ये बंदा,
आज गेंद बन आया है।
पप्पू संज्ञा देने वाला,
चरणचाटु बन आया है,
नाम बदल कर,जुमले
बंदा वही सुनता आया है।
अपने गुरु की गुरबाणी का,
पाठ न इसको भाया है,
इटालिया की चरणवंदना,
करके खूब हँसाया है।
खुजलीवाल गिरगिटी नेता,
लोभ इसे दे देता है,
लुढ़के बैगन सा ये बंदा,
देखो कब ये आता है।
विज्ञापन देने में खेजू,
पैसा खूब लुटाता है।
मच्छर को भगवाने हेतु ,
भी विज्ञापन देता है।
घुसपैठिये,आतंकी,डेंगू
दिल्ली में सभी सुरक्षित हैं,
स्वास्थ्य सुरक्षा दवा के
बदले नित्य नए नौटंकी हैं।
विज्ञापन का गेंदबाज,
बल्लेवाले के हाथ मिले,
पिसे वहाँ की भोली जनता
धूर्त भगौड़ा साथ मिले।
गिद्ध, लोमड़ी, गिरगिट,
कौवे और भेड़िये भरे हुए,
लूटे ये जनपद की जनता,
हैं चरित्र से सड़े हुए।
जाने कितने यहाँ नमूने,
नेताओं में भरे हुए हैं,
आतंकी के बने समर्थक,
ग़द्दारों से विष उगले हैं । । डॉ सुमंगला झा।