Morbi Bridge

चलते चलाते : 'मच्छु नदी' का पुल

इन खुशियों के त्यौहार बीच
जब गमी कहीं छा जाती है,
उन दुखियारों को देख-देख,
दिल तड़प उसाँसे लेता है।

यह मच्छुनदी,झूलता पुल,
है आकर्षित करने वाला,
दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना लख,
है हृदय दहल जाने वाला।

मोरबी में घटित हादसे पर,
जब राजनीति होने लगती,
इन कुटिल शुष्क नेताओं से,
है नफरत लोगों को होती।

ये साजिश था या इत्तफाक,
निर्णय कर पाना मुश्किल है,
क्योंकि शैतानी हरकत से,
कुछ लोफर वहाँ कार्यरत थे।

वे जबरन झुला रहे थे पुल,
लातों से कर-करके प्रहार,
थी धमा-चौकड़ी मची हुई,
परवाह नहीं अन्यों की थी।

कुत्सित अपराधी तत्वों ने,
जानें ले ली मासूमों की,
निंदित उत्पाती करतब कर
क्या वे जिंदा बच पाए हैं?

हर मुश्किल में मौजूद हुए,
अपने जीवन रक्षक जवान,
जनता की जिंदगी श्रेष्ठ मान,
ये झौंक रहे खुद का जीवन।

उन मृतक-आत्माओं को अब,
भगवान शान्ति अर्पित कर दे,
दोषी लोगों को दुनियाँ में,
उनके कर्मों का भी फल दे।।डॉ सुमंगला झा।।

Read More Articles ›


View Other Issues ›