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चलते चलाते : 'बूझो तो जानूँ'

कमलनाथ जैसी है नाक,

बाल मलिंगा से हैं गोल,

रंग गिरगिटी,चाल-लोमड़ी

देश-विरोधी बोले बोल।1I

दो करोड़ में पेंटिंग बेचे,

ऑटो को भी बस बतलाये,

झूठ-मूठ हंगामा करके,

दंगाई को यह भड़काए। 2 I

करे करोड़ो में है सौदा,

लूट जमीन किसानों का,

अकड़े है ये चोर जामाता,

नाम बताओ,कोई इसका। 3 I

पता नहीं क्या धंधा करती,

अरबपति कैसे बन जाती,

प्रजातंत्र का गाना गाती,

पार्टी में जनतंत्र न लाती। 4 I

गमले में गोबी उपजाये,

अरबपति कैसे बन जाये?

भेद बताओ कोई इसका,

फटेहाल अमीर हो जाये। 5 I

एक गरीब किसान है ऐसा,

लीला पैलेस देखा उसका

हुआ अचंभा!किस्मत कैसा?

क्या गरीब होता है ऐसा? I 6 I

डेढ़ हजार करोड़ की होती,

नामी-बेनामी संपत्ति,

पुत्र मोह में बँध कर हैं,

कर्नाटक के धृतराष्ट्रमति । 7 I

तीन बीबियाँ ब्याहा,लाया,

तीनों से छुटकारा पाया,

सुंदर मुखड़ा,लट को झटके,

चमचागिरी करे यह हट के। 8 I

आये दिन है खूनी खेल,

हत्या आगजनी से मेल,

हिन्दू की हत्या करवाती,

ट्रेडमिल पर है बजट बनाती। 9 I

एक मूढ़,दूजा दस फेल,

गुण्डों से इनका है मेल,

जनता कैसे डाले तेल?

बने विधायक,बप्पा जेल। 10 I

राहुल को दे पप्पू नाम,

त्याग बीजेपी,बना गुलाम,

गले डाल, कांग्रेसी पट्टा।

बिन पेंदी का ये है लोटा। 11 I

देख-देख पाजी का मेल,

डगरे के बैगन का खेल,

जोकर है ये पेशा बदले,

कहीं टिके न,पार्टी बदले। 12 I

गुरबानी से लिया न सीख,

इटालियन है इसके शीश,

इनका है कोई न तोड़।

जो दे लड्डू, उसकी ओर। 13 I

हर चैनल पे कूद के आये,

दंगे-धरना इसको भाये,

करे घोटाला,भ्रष्ट्राचार,

झूठ बोल कर उतरे पार। 14 I

लोभ ‘मुफ्त’ का देता जाए,

जनता को बेवकूफ बनाये,

करे घोटाला,‘कर’ का पैसा,

दोगला मिले न उसके जैसा। 15 I

तिगड़ी है सरकार बनाई,

करे वसूली,करोड़ में भाई,

तोड़-फोड़ औ मार-पीट में,

गुण्डों का भी बाप है भाई। 16 I

।डॉ सुमंगला झा।।

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