New Year

चलते-चलाते : 'नव वर्ष'

नव वर्ष न है, उत्साह पूर्ण,
है ओमिक्रोन आतंक पूर्ण,
पिछले दो सालों को देखो,
परिवार हैं उजड़े परिपूर्ण।

खुशीयों को ढूँढे लोग यहाँ,
है खत्म कोरोना कहाँ-कहाँ?
जीवन-रथ है,सामान्य जहाँ,
फैला प्रकोप फिर वहाँ-वहाँ।

उम्मीद लिए,हिम्मती लोग,
कर्त्तव्य,कर्म,उद्द्योग-योग,
जीवन्त रहें!कर,नव-प्रयोग,
संघर्ष रहित न थे सुयोग्य।

दिनांक भले हों बदल गए,
नव-वर्ष अभी न आया है,
मुश्किल से जों उबरें मानव,
नव-वर्ष खुशी तब लाया है। डॉ सुमंगला झा।

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