चलते चलाते : घोटाला और दुराग्रह
भूसों के ढेर जैसा;'ये' नोटों का टाल है।
तृणमूल,कोंग्रेस का;घोटाला व्यापार है।
प्रवर्तन अधिकारियों का छापा कमाल है।
चतुर-चतुर चोरों का, हुआ बुरा हाल है।
भ्रष्टाग्रह की यात्रा ,नाम है सत्याग्रह !
सत्यमेव जयते,भ्रष्टस्त्री को हैं कहते,
देशद्रोह-संलिप्त,कहते उन्हें देशभक्त!
चमचों की चीख सुन,आज सभी हँसते।
नेहरू-गेंडी-कोंग्रेस की कैसी ये देन है?
हिंदुस्तान में हिन्दू ही संकट से ग्रस्त हैं।
इंदिरा-राजीव के भी कुटिल जुनून हैं,
हिन्दू खत्म करने हेतु बनाये कानून हैं।
पाकिस्तान परस्त रिपु देश में मौजूद हैं।
सनातनी हिन्दुओं के वैरी जबरदस्त हैं।
आगजनी,बर्बरता, दानव करते पाप हैं।
क्षुद्र-इस्लामियों के,भुक्खड़ ये जमात हैं।
रक्तबीज राक्षस, ये रक्तपात-पाप कर,
खटमल को मात कर,पसरते ही जाते हैं
परजीवी,परभक्षी,विनाशकारी व्याधि-से,
भक्षक इंसानियत के शान्त नहीं होते हैं।
नेता-समूहों में भी चोर-डाकू,झूठों की,
तस्कर,जासूसों की, घोटाले बाजों की,
वसूली गिरोहों की, कहीं नहीं कमी है।
नेताओं के आँखों की ख़त्म हुई नमी है।
भष्ट्रनेता,ज्ञान देते,ईमानदारी समझाते हैं !
हत्यारों के समर्थक,भाई-चारा सिखाते हैं।
न मैं समझना चाहूँगा,न ही समझाने दूँगा,
आगजनी, तोड़-फोड़,हंगामा करवाऊँगा।
'मैं' राहू-राजकुँवर!माइनो का प्यारा हूँ ।
चीन-पाकिस्तान;परस्तों का दुलारा हूँ।
ख़ानदानी हूँ ! हुड़दंगा करवाता रहूँगा।
कांग्रेस की लुटिया डुबा कर ही छोडूंगा।
डॉ सुमंगला झा।