Turmoils

चलते - चलाते : उथल-पुथल

शवसेना के साथ अघाड़ी,
मातो श्री ने कुनबा जोड़ा,
किया प्रशिक्षित लूट-पाट में,
गुंडागर्दी, आगजनी में।

हाथ जोड़ कर ऊधो भैया,
सेवा कर नटुआ बन आया,
कहीं प्रदर्शन, कहीं पे दंगा,
कहीं वसूली, किसी से पंगा।

कहीं पे कँगना,कहीं पे राणा,
कहीं केतकी,मृतक- सुशांत,
तोड़-फोड़,तस्करी औ हत्या,
आये दिन है नया ही किस्सा।

रौनक़ थी इस महाराष्ट्र में,
ई डी और पुलिस करतब में,
पकड़-धकड़ था समाचार में,
गोस्वामी भी कारागार में।

पिंकी छेड़े नया ही गान,
जनता! देशभक्त पहचान,
पत्थरबाजों का है काम,
देशभक्त में फूँकी जान।

गली-गली है जय श्री राम,
हर-हर महादेव,हनुमान,
सुन करके इनके जयघोष,
दैत्य-पिशाच के उड़ते होश।

भीड़तंत्र के लोफर गुण्डे,
मस्ती करते संग पिंकी के,
बेल पे सैंया,दवा पे मैया,
ई डी दफ्तर पहुंचे भइया।

कोंग्रेस चमचे धरना देते,
आगजनी दंगे करवाते,
साजिश करते,ट्रेन जलाते,
कद्र नहीं सेना की करते।

मोदी से'ये' खुंदस खायें,
देश-विरूद्ध बोलते जायें,
संविधान भी ये न मानें,
बुद्धू जनता को ये जानें।

महाराष्ट्र में उठा-पटक है।
पड़ी दरार!शिवसेना में है।
तिगड़ी पलटी उद्धव की है।
उथल-पुथल की राजनीति है,

उद्धवजी तो गए हैं डोल,
राउत के बिगड़े हैं बोल,
जनता करे उधम बेजोड़,
हुए निरंकुश, कुनबा तोड़।

डॉ सुमंगला झा।

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