Bhag Pappu Bhag

भाग 'पप्पू' ! भाग

अगर राजनीतिज्ञों की बात मानें तो २०१९ आम चुनाव से ही राहुल गांधी चुनावी हार के डर से भागते रहे हैं और इस २०२४ चुनाव में तो हद ही हो गया I वे डर कर भागते ही चले जा रहे हैं I पिछली बार केरल के जिस वायनाड क्षेत्र में उन्हें मुस्लिम मतदाताओं की मदद से लोक-सभा में जगह मिली थी, लगता है वह भी उनके हाथ से जा रहा है I वैसे भी अमेठी से उनका पुश्तैनी प्रभाव तो जाता रहा और इसीलिए वे २०१९ में वहाँ पहली बार चुनाव हारे Iपिछले ५ सालों में पहले अमेठी से भागकर वायनाड, और अब वहाँ से भी पलायन कर अमेठी जानें की हिम्मत नहीं जुटा पाए तो वे भाग कर रायबरेली जा रहे हैं I वायनाड या रायबरेली से वे जीतें या हारें, रायबरेली में चुनाव प्रचार के दौरान उनसे सवाल तो पूछा ही जाएगा कि चुने जानें के बाद वे कौन सा सीट छोड़ेंगे ? वायनाड या रायबरेली ? अगर जवाब होगा रायबरेली तो फिर जनता उन्हें वोट ही नहीं देगी परन्तु अगर जवाब वायनाड होगा तो उन्हें भगौड़ा समझा जाएगा और कोई भी उन्हें वोट देने से कतराएगा I तो फिलहाल रायबरेली में राहुल गाँधी का राजनैतिक भविष्य अंधकारमय लगता है I 

वैसे वैयक्तिक तौर पर राहुल गांधी सामान्य लेकिन प्रभावी व्यक्ति माने जाते हैं जैसा कि सिद्धू, शत्रुघ्न सिन्हा अदि जैसे कई लोगों ने कहा है I वैसे अपने नासमझी और बेतुके बयानों के कारण वे अनायास ही बहुधा विवादों में घिरते रहे हैं चाहे वह भारत की सरजमीं पर हो या अन्यत्र कहीं I विवादों में फँसे रहने की बात नयी नहीं है अपितु दशकों की I कुछ लोग उनकी ऐसी बयानबाजी को "पप्पू वचन" कहते हैं (पढ़ें "'पप्पू वचन' : वास्तविकता वनाम झूठ और दुष्प्रचार", https://thecounterviews.in/articles/pappu-vachan-lies-disinformation-in-politics/) I भारत में कम ही ऐसे लोग होंगे जिन्होनें मनोरंजन के लिए उनका कोई न कोई बेतुका वीडियो न देखा हो I इसमें कुछ तो उनकी राजनैतिक नासमझी, कुछ अपरिपक्वता, कुछ परिवार निहित राजनैतिक मजबूरियाँ और बाँकी बचा-खुचा गलत सलाहों की है I उनके सलाहकारों की सूचि बहुत लम्बी नहीं लेकिन वे अक्सर सैम पित्रोदा और जयराम रमेश की बातें बोलते दीखते हैं I

आज कल आम चुनाव २०२४ में उनके अजीबोगरीब बयानबाजी, जिसमें से कुछ तो उनकी चिर परिचित नासमझी के कारण है और कुछ गलत सलाह के कारण, कांग्रेस के लिए सबसे चिंता जनक हैं क्योंकि इनमें हिन्दुओं के प्रति उनकी कई विवादास्पद और विभाजनकारी वक्तव्य हैं I हालांकि राहुल गांधी जन्म से हिन्दू नहीं हैं फिर भी हिन्दुओं का यह बड़प्पन है कि उन्हें किसी मंदिर या धार्मिक उत्सवों में भाग लेने से नहीं रोका गया I लेकिन हिंदुत्व का यह भाव वे समझ पाने में असक्षम हैं I वे अकारण हिन्दू धर्म व हिंदुत्व को अपशब्द कहते रहते हैं और कभी कभी तो मुस्लिम तुष्टीकरण के लिए अक्सर विदेशों में अपने देश का ही अपमान कर बैठते हैं और उससे भी बुरा तब लगता है जब उनके चाटुकार उनके "पप्पू वचन" को जायज ठहरानें की कोशिश में लग जाते हैं I हिंदुत्व अगर इस्लाम या इसाईत्व जैसा असहनशील होता तो उनका अंजाम शायद कुछ और ही होता I उनका मुसलमानों व ईसाइयों के कट्टरवादी तत्वों से कई बार चुनावी व सांस्कृतिक सांठ गाँठ हो चुका है जो राजनितिक सौहार्द सौहार्द के लिए कतई ठीक नहीं है (पढ़ें "Congress looses conscience, allies with radical Muslims”, https://thecounterviews.in/articles/congress-rahul-radical-muslims-furfura-iuml-kerala-assam-bengal/) I अब, जबकि उनका नाम रायबरेली क्षेत्र से भी चुनाव लड़ने का है, स्वतः सवाल उठता है कि राहुल गांधी कहाँ कहाँ से भागते फिरेंगे और इसीलिए लोग तंज कस रहे हैं "भाग पप्पू भाग" I

जब सर्कस के एक हास्य कलाकार पर कोई हँसता है तो वह अपनी उपलब्धि मानता है I दुर्भाग्यवश राहुल गांधी की दुर्दशा का भी यही कारण है I राजनीति में आने के लिए उन्हें विवश किया गया था I उनका कौशल कदापि उन्हें राजनैतिक शिखर पर नहीं पहुँचा सकता था I यह बात और है कि उनकी अपनी मनसा न तो किसी ने समझनें की कोशिश की और न ही उन्होंने स्वयं अपना पथ प्रशस्त करने की सोची I माँ की अंगुली पकड़ पकड़ कर वे जहाँ भी गए, उनकी पहचान एक बच्चे से अधिक और कुछ नहीं था I हाँ ! यह बात और थी के यह बच्चा अपने मुँह में चांदी का चम्मच लिए ही पैदा हुआ था I देश-स्तर पर शीर्ष की राजनीति चुनौतियों से भरी होती है जहाँ पग-पग पर स्पर्धा करनी पड़ती है, चांदी का चम्मच अक्सर किसी काम का नहीं होता I बच्चों के लिए यह चम्मच ठीक है लेकिन राजनैतिक गलियारे में कदम रख रहे व्यक्ति के में मुँह में यह चम्मच उसे पप्पू (बच्चों के लिए आम संज्ञा) बना देता है I यही कारण है कि राहुल गांधी को पप्पू नाम जिसनें भी दिया हो (उन्हीं के पार्टी के सिद्धू, इमरान या कोई और), उन्हें राजनितिक पप्पू बना दिया और परिणाम स्वरुप लगातार बढ़ रहे राजनैतिक स्पर्धा में वे पीछे पिछड़ते जा रहे हैं I यह तो अकाट्य सत्य है कि सफल और सुदृढ़ राजनीति सबों के बूते की बात नहीं और यह राजनीति के पप्पू पर कुछ ज्यादा ही लागू होता है I ऐसा भी माना जाता है कि कांग्रेस का एक अति महत्वाकांक्षी तबका राहुल गांधी के पप्पू बने रहने से खुश है कि भविष्य में उन्हें भी कांग्रेस पार्टी के शीर्ष पर विद्यमान होने का मौका मिले I 

अब राहुलगांधी के चुनावी पलायन की खबर तेजी से फ़ैल रही है और इसीलिए आवाज बढ़ती जा रही है "भाग पप्पू भाग" I

Read More Articles ›


View Other Issues ›