प्रधानमंत्री के लगातार तीन कार्यकाल : मोदी और नेहरू
सम्प्रति राजनैतिक परिपेक्ष में राजनीती एक टेढ़ी खीर बनती जा रही है I स्वतंत्रोत्तर दो ही ऐसे प्रधानमंत्री हैं नेहरूजी और मोदीजी, जिन्होंने लगातार तीन कार्यकाल की अगुवाही की हो I यह बात और है कि दोनों प्रधानमंत्रियों की सम-सामयिक चुनौतियाँ अलग-अलग रही हैं I नेहरूजी ने देश का नेतृत्व अकाली में किया था जबकि मोदीजी देश को विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने के लिए संघर्षरत हैं I इन दोनों कालखंड की चुनौतियाँ, व्यवस्था और आकांक्षाएँ भी अलग अलग रहीं हैं I उन दिनों लोग रोटी, कपड़ा और मकान के लिए मुंहताज थे तो आज हर वयस्क की आँखों में तरह-तरह के सपनें हैं I ये सपनें उनकी आधुनिक परिपेक्ष में स्वयं, अपने परिवार व समाज का कल्याण तथा देश को विश्व की अग्रणी पंक्ति में लाने की है I
हालाँकि नेहरूजी के प्रधानमंत्री का कार्यकाल १५ साल से ज्यादा की है, उनका प्रथम कार्यकाल एक मनोनीत प्रधानमंत्री का था और वो भी विवादों से घिरा हुआ I ऐसा माना जाता है कि कांग्रेस का विधायक दल का नेता सरदार पटेल को चुना गया था लेकिन गांधीजी ने इसे नहीं माना और नेहरूजी को मनोनीत किया I वास्तविकता तो यही है कि जनतांत्रिक रूप से आम चुनाव में जीत कर नेहरूजी सिर्फ १९५२, १९५७ और १९६२ में प्रधानमंत्री बने थे और यह भी सर्व विदित है कि उन कालखंड में देश में राजनैतिक विपक्षी पार्टियाँ न के बराबर थी I सिर्फ कम्युनिस्ट का देश के छोटे से भूभाग में पकड़ थी अतः कांग्रेस के लिए चुनाव जीतना अपेक्षाकृत आसान था और यह नेहरू और मोदी के बीच एक बहुत्त बड़ा अंतर है I
मोदी सरकार के खिलाफ साल २०१४, २०१९ तथा २०२४ में कांग्रेस, कम्युनिस्ट, द्रविड़ियन और कुछ अन्य क्षेत्रीय पार्टियों समेत बहुत समर्थ विपक्ष था जिनमें से कुछ तो अपने अपने प्रदेशों में सत्तारूढ़ थीं I अपने प्रदेशों में किए काम के अलावे इनके पास झूठ और दुष्प्रचार जैसे अनेकों अस्त्र-शस्त्र थे जिसके खिलाफ बीजेपी का चुनाव लड़ना आसान नहीं था I इन सबों से ऊपर, २०२४ में मोदी सरकार को अपदस्त करने के निमित्त देश की २६ राजनैतिक पार्टियाँ जिनमें से ज्यादातर सशक्त थी, मिलकर एक नए गठबंधन I.N.D.I.A के नाम से चुनाव लड़ा लेकिन मोदीजी के सामने टिक नहीं पाए और NDA को पुनः पूर्ण बहुमत मिला हालांकि यह बहुमत अपेक्षा से कहीं कम है I अतः जनता के समक्ष उनकी नज़रों में मोदी सरकार कहीं ज्यादा सशक्त थी और उनकी जीत की महत्ता नेहरू कालखंड से कहीं ज्यादा है I
जहाँ तक उपरोक्त प्रधानमंत्रियों के कार्यकालों में देश में लाए गए उन्नतियों का सवाल है, यह आलेख उसकी व्याख्या नहीं करता I इसमें कोई दो राय नहीं कि नेहरूजी के भी कार्यकाल में तत्कालीन अनेकों ख्यातिपूर्ण कार्य हुए थे और यही बात मोदी जी के कार्यकाल में भी लागू होता है I मोदी जी ने देश का चहुमुखी विकास कर, उसे सशक्त कर विश्व की अग्रणी पंक्ति में लाकर खड़ा कर दिया है I आज भारत की आवाज सतर्कतापूर्वक सुनी जाती है I मोदी सरकार ने देश के २३ करोड़ जनता को अपने १० सालों में ही गरीबी रेखा से ऊपर लाया है I आज भारत आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है और साल २०४७ तक विकसित देशों की श्रेणी में आने की तरफ अग्रसर हो रहा है I अतः संक्षिप्त में कहें तो मोदी सरकार के १० साल कांग्रेस के पुरे कार्यकाल पर भारी पड़ रहा है I मोदी सरकार के लगातार तीन कार्यकाल नेहरू जी पर भारी पड़ रहा है I