Divisive nature of I-N-D-I-A

विभाजन विभीषिका (भाग - ४): स्वतंत्र भारत में विभाजनकारी राजनीति

गत वर्षों में स्वतन्त्रता दिवस के अवसर पर विभाजन विभीषिका के राजनैतिक एवं धार्मिक पहलुओं की व्याख्या करने के पश्चात् (पढ़ें " विभाजन विभीषिका और भारतीय धर्म, भाग - १", https://thecounterviews.in/articles/indian-partition-and-indian-religions/); "विभाजन विभीषिका एवं भारतीय राजनीति, भाग - २", https://thecounterviews.in/articles/partition-of-india-fallout-of/; और "विभाजन विभीषिका भाग-३, एक और विभाजन ? कभी नहीं", https://thecounterviews.in/articles/partition-horrors-india-part-3-no-more/) अब आइये भारतीय राजनीति में कुछ आतंरिक विभाजनकारी शक्तियों की बात करते हैं I 

आतंरिक विभाजनकारी षड्यंत्र

भारत का विभाजन तो एक विभीषिका था ही किन्तु विभाजन के ७५ साल बाद कुछ राजनितिक पार्टियाँ सत्ता से मात्र १० साल अलग रहने से इतनी बेचैन हो गयी है कि वह आज के भारत में अनेकों विभाजनकारी षड्यंत्रों की रचना कर रही है I उन राजनितिक दलों की मनसा भारतीयों का आतंरिक विभाजन जाति, धर्म, वर्ग आदि के आधार पर है जो देश को अंदर से कमजोर करने की है I यह बात तो ज्ञात है ही कि सनातन में श्रम के आधार परवर्ण विभाजन सदैव से रहा है लकिन ऐसी ही जातिगत भेदभाव तो मुसलमानों, ईसाइयों व सिखों में भी है I मगर वहाँ तो कोई विभाजनकारी राजनीति नहीं करता I मुसलमानों में तो कोई अशरफ, अज़लफ या अर्ज़ल जातियों के नाम पर वोट नहीं मांगता हालाँकि वे इन तीनों को क्रमशः ब्राह्मण, वैश्य और शूद्र के समतुल्य मानते हैं I यह एक नई विभाजनकारी प्रथा सत्ता के भूखे हिन्दू राजनैतिक दलों द्वारा शुरू की गयी है I ये सब संविधान की अवहेलना कर उसकी बलि चढानें के लिए भी तैयार हैं जिसमें धर्मगत आरक्षण को स्थान नहीं दिया गया है I 

भारतीय संविधान पर आघात 

भारतीय संविधान पर आघात विगत में कई बार किया गया है और दुनिया भर के संविधानों में से भारतीय संविधान में सबसे ज्यादा परिवर्तन किए गए हैं I मूल संविधान से भगवान् राम, कृष्ण, बुद्ध और सिख गुरु के चित्र हटाए गए I फिर इंदिरा गांधी द्वारा लगाया गया आपातकाल संविधान ह्त्या के समतुल्य माना जाता है I देश में आपातकाल के दौरान किया गया संविधान संशोधन तो मानो भारत की अंतरात्मा पर ही आघात करना था I इसीलिए आज जब कोई कोंग्रेसी संविधान की दुहाई देता है तो वह सबसे बड़ा मक्कार दीखता है I साल २०२४ में जब कांग्रेस के पिछलग्गू राजनैतिक दल यह कहकर बीजेपी और उनके समर्थित NDA को कहते कि मोदी से संविधान को खतरा है, वे अपनी और कांग्रेस की झूठ और मक्कारी का ही सबूत देते I अब जबकि लोकसभा चुनाव संपन्न हो चुका है और केंद्र में NDA बहुमत से जीत कर सरकार बना चुकी है, देश की विभाजनकारी राजनैतिक दलों के गाल पर मानो जोर का तमाचा है I लेकिन अपने आपको इंडिया (I.N.D.I.A) कहने वाली ये पार्टियां लतखोर तो हैं ही साथ ही चोरी, धोखाधड़ी, फिरौतीबाजी, जिहादी-माओवादी गतिविधियों में लिप्त हिन्दुओं का अपमान करने वालों का समूह है (पढ़ें “I-N-D-I-A of Thugs?, Parts 1, 2 & 3”, https://thecounterviews.in/articles/i-n-d-i-a-of-thugs-part-1/;https://thecounterviews.in/articles/i-n-d-i-a-of-thugs-part-2/; and https://thecounterviews.in/articles/i-n-d-i-a-of-thugs-part-3/) I ये आगामी विधान सभा चुनाव में पुनः झूठ और मक्कारी का सहारा लिए बेशर्मों की तरह जनता से वोट की भीख मांगनें आ जाएंगे I उन्हें इस बात से कोई मतलब नहीं कि उनकी झूठ और दुष्प्रचारों से धीरे धीरे देशवासियों में आपसी भेद भाव बढ़ रहा है I मनगढ़ंत झूठ और दुष्प्रचार में आज राहुल गांधी विश्व भर में अद्वितीय बन गए हैं जो भारतीय राजनीति के लिए अत्यंत चिंताजनक विषय है (पढ़ें "Rahul Gandhi: Best in Fabricating Lies and Dis-information”, https://thecounterviews.in/articles/rahul-gandhi-the-best-in-fabricating-lies-and-disinformation/) I 

आज कांग्रेस अपने द्वारा शासित प्रदेशों में ‘वोट बेंक’ की लालच में अनुसूचित जातियों के लिए दिया गया आरक्षण छीन कर मुसलमानों को देकर संविधान की अवहेलना कर रहे हैं क्योकि संविधान धर्मगत आरक्षण का प्रतिरोध करता है I फिर कुछ राजनैतिक दल जातिगत जनगणना और उसके अनुपात में आरक्षण की मांग कर रहे हैं जो नितांत विभाजनकारी है और आने वाले समय में जनता में आपसी वैमनस्यता को बढ़ावा देगा I ये आरक्षण के लिए एक जाति को दूसरे से लड़ाने की कोशिष करेंगे को देश को कमजोर करेगा I फिर अनेकों तरह के मांग उठेंगे जैसे जातिगत आधार पर दिए गए आयकर की विवेचना I आयकर देने वाले हर जाति और वर्ग मांग कर सकते हैं कि देशवासियों के उत्थान और विकास के लिए धन का निवेश दिए गए आयकरों के अनुपात में हो; और फिर जितनीं मुँह उतनी बात I 

कांग्रेस समर्थित विपक्ष की विभाजनकारी राजनीति 

कांग्रेस ने तो मानो देश को बर्बाद करने की ठान ली है I आज का कांग्रेस किसी भी तरह से वह कांग्रेस नहीं प्रतीत होती जिसनें कि स्वतन्त्रता आंदोलन में भाग लिया था I आधुनिक भारत में सबसे ज्यादा नैतिक पतन कांग्रेस का हुआ है I यह कांग्रेस देश के विभाजनकारी व विघटनकारी शक्तियों सेअपने राजनैतिक स्वार्थ पूरा करने के लिए बेशर्मी से हाथ मिलाती है (पढ़ें "Congress and India: Unhealthy Collusions”, https://thecounterviews.in/articles/congress-and-india-unhealthy-collusions/) I यही कारण है कि जब जिहादी समूह PFI पर प्रतिबन्ध लगाया गया था तो मुस्लिम वोट बैंक के लोलुप सभी राजनैतिक पार्टियाँ खासकर कांग्रेस बहुत विचलित थी हालाँकि यह प्रतिबन्ध एक मरहम मात्र थी इलाज नहीं (पढ़ें “PFI Ban: Govt Treating Symptoms, not Disease”, https://thecounterviews.in/articles/pfi-ban-govt-treating-symptoms-not-the-disease/) I देश का यह महा दुर्भाग्य है कि कभी देश की स्वतन्त्रता के लिए समर्पित कांग्रेस सत्ता पाने के लिए इतनी गिर गयी है कि देश के विघटनकारी शक्तियों के साथ खड़ी है और इसीलिए यह अक्सर टुकड़े- टुकड़े गैंग के साथ होती है I 

यह तो विदित ही है कि चीन से चन्दा मांगनें के लिए राहुल गांधी ने चीनी कम्युनिस्ट पार्टी से एक समझौता किया है I इस समझौते का पूरा विवरण देश को नहीं बताया गया है लेकिन ऐसा माना जाता है कि भारतीय सेना को यथावत रखने के ऐवज में कांग्रेस को ये चीनी अनुदान मिलती है I यही कारण है कि भारत के उत्तरी सीमा पर आधारभूत विकास को रोक, सुरक्षा को दाँव पर चढ़ा कर देश के साथ विश्वासघात किया गया I मोदी सरकार द्वारा भारतीय सेना के तीनों अंगों का तेजी से आधुनिकीकरण होने से चीन तिलमिलाया हुआ है I यही कारण है कि जब दोकलाम में चीनी और भारतीय सेना आमने - सामने थीं तो राहुल गांधी अपना व कांग्रेस का दृष्टिकोण व्यक्त करने छुप कर चीनी दूतावास गए थे I इसीलिए समझ में आता है कि कांग्रेस समर्थित UPA वायुसेना के लिए 'रफाल' खरीद को ठंढे वस्ते में क्यों डाल दिया था और मोदी सरकार द्वारा G2G की आपातकालीन खरीद पर क्यों विचलित थी I

कुछ लोगों का तो यह भी मानना है कि मोदी सरकार द्वारा विमुद्रीकरण के पहले पाकिस्तानी जाली नोटों का बड़ा मुश्त कांग्रेस को मिलता था जिस कारण UPA भारतीय सेना को पाक - ISI समर्थित आतंकवादियों के खिलाफ कोई ठोस कदम उठाने से कतराती थी वह चाहे मुम्बई का आतंकवादी हमला ही क्यों न हो I क्यों कांग्रेस भारतीय सेना का मनोबल तोड़ने में लगी है वो चाहे यह कह कर हो कि चीन ने लद्दाख के बड़े भारतीय भूभाग पर कब्जा कर लिया है या फिर यह कह कर कि भारतीय सेना तवांग में चीन से पिट रही है I भारतीय सेना में युवाओं को अग्निवीर स्कीम में भर्ती करने का इतना विरोध करना भी शायद इसी का हिस्सा हो I विगत में भारतीय सुरक्षा को कमजोर करने वाली शाहीनबाग को शह देना, किसान आंदोलन में अराजकता की स्थिति पैदा करना, धारा ३७० हटने के बाद सेना पर झूठे इल्जाम लगाना, सेना प्रमुख को गली का गुंडा कहना अदि अदि हरकतें शायद उसी का हिस्सा हो I गत २०२४ लोकसभा चुनाव में तो I-N-D-I-A गठबंधन को खुल्लमखुल्ला भारत विरोधी तथा मोदी विरोधी विदेशी ताकतों का आर्थिक व राजनैतिक समर्थन मिला था (पढ़ें "I-N-D-I-A a Recipient of anti-India Funds?”, https://thecounterviews.in/articles/i-n-d-i-a-recipient-of-anti-india-funds/) I 

सारांश

लगता है कांग्रेस ने अंग्रेजों की बदनीयती अपना ली है कि "बाँटो और राज करो" I बीजेपी ने तो सिर्फ हिन्दुओं को एकजुट करने की कोशिश की थी परन्तु उसकी विपक्षी पार्टियाँ हिन्दुओं को बांटनें में लगी है चाहे वह वर्गगत हो या जातिगत I दूसरी तरफ मुसलमानों का एक मुश्त वोट पाने के लोलुप्त बीजेपी का डर दिखाकर अनेकों पार्टियाँ दशकों से भ्रम फैला कर देश की एकता पर चोट पहुँचाने में लगी हैं I पिछली २०२४ लोकसभा चुनाव में देश ने कांग्रेस की विभाजनकारी प्रवृत्ति देख ली है जो आने वाले चुनावों में वस्तुतः और अधिक बढ़ेगा I देश और देशवासियों को इन झूठे और मक्कारों से सावधान रहने की जरुरत है I हमनें एक विभाजन विभीषिका पहले ही झेल ली है, क्या एक और आतंरिक विभाजन विभीषिका झेलनी पड़ेगी ? कदापि नहीं I हम कदापि ऐसा नहीं होने देंगे I 

Read More Articles ›


View Other Issues ›