White paper on UPA economy

UPA पर श्वेत-पत्र की आवश्यकता क्यों ?

अभी हाल ही में मोदी सरकार ने भारतीय अर्थ व्यवस्था पर एक श्वेत-पत्र जारी किया है जिसे UPA I & II के दिनों के घोटालों का औपचारिक दस्तावेज माना जाता है। यह श्वेत पत्र मुख्यतया इसलिए लाया गया है कि वे कौन सी प्रयास हैं जिससे भारत टूटने लायक ५ अर्थ व्यवस्था से मजबूत ५ अर्थ व्यवस्था में आ गया जिसमें सरकार की आर्थिक सशक्तिकरण उसे ११वीं से ५वीं स्थान पर ले आया। यह श्वेत-पत्र UPA के केंद्र सरकार के कार्यकाल के दौरान किए गए सारे चोरी, ठगी, घोटालों व अनिमितताओं का लेखा जोखा है। वैसे यह सर्व विदित है कि तत्कालीन केंद्र के सरकार महा भ्रष्ट थी। आज के ‘INDI’ अलाएंस में UPA के अधिकाँश घटक है और इसीलिए देश के अधिकाँश लोग इनकी काली करतूतों से अच्छी तरह वाकिफ हैं और इसीलिए उनको चोरों और ठगों का गठबंधन कहा जाता है (पढ़ें “फरेबी I-N-D-I-A जमात”,https://thecounterviews.in/articles/fraudster-india-jamaat/)। ऐसा नहीं था कि UPA I & II में सब चोर ही थे। इसमें कुछ ऐसे लोग भी थे जिन्होंने काले धन को छुआ भी नहीं था जैसे रिमोट कंट्रोल पर चल रहे प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह, रक्षा मंत्री अन्थोनी एवं गिने चुने कुछ अन्य। 

ऐसा माना जाता था कि कांग्रेस की ज्यादातर नेता भ्रष्ट थे लेकिन उनके भ्रष्टाचार में भी एक ख़ास किस्म का अनुशासन था। चोरी, ठगी या घोटालेबाजी जो भी करता हो, ऐसा विदित था कि उसका एक बड़ा हिस्सा सोनिया गांधी और कांग्रेस पार्टी को अवश्य जाता था। तभी तो जब वाशिंगटन पोस्ट में २०१३-१४ में खबर छपी थी कि सोनियाँ गांधी ब्रिटिश महारानी से भी ज्यादा अमीर थी तो बौखलाहट में उन्होंने मनीष तिवारी को लताड़ कर वाशिंगटन पोस्ट की खबर लेने भेजा था। कांग्रेस पार्टी को भ्रष्टाचार के जननी माना जाता था जिसनें A टू Z तक सारे घोटाले कर डालेथे। इसमें सिर्फ सोनियाँ गांधी ही नहीं वल्कि सारे बड़े जाने-माने नेता शामिल थे जो कानूनी दाँव पेंच लगाकर किसी न किसी तरह BAIL गाड़ी पर सवार हो जेल के सलाखें से आँख मिचौनी खेल रहे हैं। देश का कितना धन UPA के इन भ्रष्ट नेताओं ने लूटा होगा इसका आकलन कठिन होगा। 

UPA की शुरुवाती सालों में ही लालू यादव भ्रष्टाचार के मूर्ति माने जाते थे जिन्होंने चारा-चोरी की बाद भ्रष्ष्टाचार के कुछ नए नए तरीकों के अनुसंधान व आविष्कार कर एक तरह से महारथ हासिल कर ली थी। तब कुछ लोग तो यह भी कहते थे कि अगर उसके पेट में भूर किया जाए तो उसमें से रेल के डिब्बे, इंजिन पटरियों आदि के अधपचे अवशेष व कंकाल निकलेंगे। तभी लालू के शातिर दिमाग ने एक नए किस्म के घोटाले को जन्म दिया था जिसमें नौकरी के ऐवज जमीन हड़पने का ऐसा फार्मूला था कि ED और CBI अभी तक सुराग ढूंढ रही है। अगर लालू यादव को दिमाग वाले नए भ्रष्टाचारों के अविष्कारक माने जानें वाले केजरीवाल का गुरु कहा जाए तो शायद अतिशयोक्ति नहीं होगी (पढ़ें “Inventing Corruptions through IIT Brain”, https://thecounterviews.in/articles/inventing-corruptions-thru-iit-brain/) । 

UPA के बहुतेरे अन्य घटक भी लूट खसोट में शामिल माने जाते थे जिसका विस्तृत वर्णन कुछ प्रकाशित लेखों में मिलता है वो चाहे मुलायम / अखिलेश का समाजवादी पार्टी हो, फारूख अब्दुल्ला का नेशनल कॉन्फ्रेंस, स्टालिन का DMK, जयललिता का AIADMK, येचुरी का CPI, सोरेन का JMM या कोई और (पढ़ें “ chors & Thugs of Indian Polity”, https://thecounterviews.in/articles/chors-and-thugs-in-indian-polity/) । हाँ ! एक बात स्पष्ट था कि UPA -II में कांग्रेस के मनमानी चलती थी और इसीलिए घोटालों के बरसात थी (पढ़ें “I-N-D-I-A of Chors & Thugs?” Parts 1, 2 & 3 https://thecounterviews.in/articles/i-n-d-i-a-of-thugs-part-1/;https://thecounterviews.in/articles/i-n-d-i-a-of-thugs-part-2/; and https://thecounterviews.in/articles/i-n-d-i-a-of-thugs-part-3/)।

यह श्वेत पत्र मुख्यतया इसलिए लाया गया है कि वे कौन सी प्रयास हैं जिससे भारत टूटने लायक ५वीं अर्थ व्यवस्था से मजबूत ५ अर्थ व्यवस्था में आ गया जिसमें सरकार की आर्थिक सशक्तिकरण उन हर बिंदुओं पर सशक्त और सक्षम हुआ है जो UPA I & II के दौरान बुरे स्थिति में था। निम्नलिखित टेबल इसे दिखा रही है।

Parameters of growing Indian economy

अब जब UPA घोटालों पर मोदी सरकार द्वारा संसद में श्वेत पत्र लाया गया है यह यथोचित ही है। यह तो स्पष्ट है ही कि अभी तक भारत में कोई भी सरकार अपने कार्यकाल के दौरान भ्रष्टाचार से अछूते नहीं रहे हैं और मोदी सरकार ने तो एक ऐसा रिकॉर्ड ही बना दिया है कि अपने १० सलों के कार्यकाल में एक भी घोटाला नहीं होने दिया। UPA I & II के घोटालों को उजागर करने का श्रेय एक स्वच्छ छवि के सरकार को तो मिलना ही चाहिए।

Read More Articles ›


View Other Issues ›